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रूस और यूक्रेन जंग को 52 दिन, तीन मार्च से रूस के कब्जे में खेरसन

पहले लग रहा था कि रूस बहुत कम वक्त में यूक्रेन को जीत लेगा । मगर जिस तरह से यूक्रेन रूस के हमलों का सामना कर रहा है, वो काबिलेतारीफ है। जंग में यूक्रेन के जज्बे और जुझारूपन की तारीफ तो बेशक होनी चाहिए। मगर उन देशों की तारीफ भी होनी चाहिए, जिन्होंने इस मुश्किल वक्त में यूक्रेन का साथ दिया है। इनमें अमेरिका सबसे आगे है।

By RNI Hindi Desk 
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पहले लग रहा था कि रूस बहुत कम वक्त में यूक्रेन को जीत लेगा । मगर जिस तरह से यूक्रेन रूस के हमलों का सामना कर रहा है, वो काबिलेतारीफ है। जंग में यूक्रेन के जज्बे और जुझारूपन की तारीफ तो बेशक होनी चाहिए। मगर उन देशों की तारीफ भी होनी चाहिए, जिन्होंने इस मुश्किल वक्त में यूक्रेन का साथ दिया है। इनमें अमेरिका सबसे आगे है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि 50 दिनों की जंग में अमेरिका ने यूक्रेन को 13 हजार करोड़ की सैन्य सहायता भेज दी है। आने वाले दिनों में और भी मदद भेजने का ऐलान किया जा चुका है।

भले ही यूक्रेन को अब तक NATO में शामिल करने में अमेरिका नाकाम रहा हो पर वह रूस के खिलाफ यूक्रेन की लगातार मदद कर रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने भी दावा किया है कि अमेरिकी सेना अपने इतिहास में अधिकृत तौर पर सबसे बड़ा हथियार सप्लाई अभियान यूक्रेन में चला रही है।

रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में अपने सैन्य आक्रमण के फेज 2 में प्रवेश किया है. रूसी सेना अपना पूरा ध्यान यूक्रेन के दक्षिणपूर्व बंदरगाह शहरों, विशेष रूप से मारियुपोल और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के पूर्वी अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में लगा रही है।

सैन्य विशेषज्ञों ने कहा है कि उपरोक्त क्षेत्रों में भूभाग रूस के प्राकृतिक सैन्य लाभ को जोड़ता है। यह ध्यान देने योग्य है कि यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में मैदानों के विस्तृत खंड हैं। अमेरिका नहीं चाहता कि रूस को इसका फायदा मिले. लिहाजा वो यूक्रेन की मदद कर रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा विभाग के हवाले से यूक्रेन को अब तक भेजे गए सैन्य मदद की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी को दोनों देशों के बीच जंग शुरू होने से लेकर 12 अप्रैल तक अमेरिका ने यूक्रेन को 12.9 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की। इसके बाद 13 अप्रैल को एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 6.08 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद यूक्रेन को देने का ऐलान किया है।

रूसी टीवी ने क्या कहा

रूस की डिफेंस मिनिस्ट्री ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा था- यूक्रेन में सैन्य अभियान के दौरान क्षतिग्रस्त होने के बाद वॉरशिप मस्कवा ब्लैक सी में डूब गया। इससे मिसाइलें दागी जा रहीं थीं।

वॉरशिप डूबने के बाद यूक्रेन ने दावा किया कि उसने इस युद्धपोत को डुबाया है। इस दावे पर रूस के सरकारी टीवी चैनल रशिया-1 की प्रेजेंटर ओल्गा कार्बेयेवा ने अपने प्रोग्राम में कहा- यूक्रेन के दावे को सही माना जाए तो ये कहा जा सकता है कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।

हम नाटो के खिलाफ लड़ रहे हैं। मस्कवा पर हमला सीधे तौर पर रूस पर हमला है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि डूबने वाले वॉरशिप मस्कवा में एटमी हथियार भी मौजूद थे।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान पहुंचाया है। कई इलाकों में सड़कों को नुकसान हुआ है तो कई पुल भी तोड़ दिए गए हैं। वहीं रूसी सैनिक कई वाहन भी यूक्रेन में छोड़कर चले गए हैं।

रूस-यूक्रेन जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र की ओर से दावा किया गया है कि, रूसी हमलों में यूक्रेन के 2982 नागरिकों की मौत हो गई। वहीं 2651 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि, वास्तविक आंकड़े इससे ज्यादा भी हो सकते हैं।

 

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