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World AIDS Day 2021 जाने इसबार का क्या है थीम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में घोषित किया। आंकड़ों के अनुसार, एचआईवी या एड्स से संबंधित बीमारियों से अब तक 36 मिलियन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और अनुमानित 37.7 मिलियन व्यक्ति इसके साथ रह रहे थे।

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट -धीरज मिश्रा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में घोषित किया। आंकड़ों के अनुसार, एचआईवी या एड्स से संबंधित बीमारियों से अब तक 36 मिलियन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और अनुमानित 37.7 मिलियन व्यक्ति इसके साथ रह रहे थे। 2020 के अंत में यह दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक है।

दुनियाभर में एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है। WHO ने सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत अगस्त 1987 में की थी। Healthline की खबर के अनुसार एड्स की जागरूकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम से ही इसकी शुरुआत की गई थी।
Hiv.org की वेबसाइट के अनुसार, विश्व एड्स दिवस के लिए इस वर्ष की ये है थीम – ‘असमानताओं को समाप्त करें, एड्स का अंत करें।’ वर्ष 2008 के बाद, प्रत्येक वर्ष की थीम को विश्व एड्स अभियान (डब्ल्यूएसी) की ग्लोबल स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुना जाता है।
ये व्यक्ती को किसी भी उम्र में कर सकता है प्रभावित-

शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर काफी काम करना शुरू किया था।
एड्स –

जब एचआईवी का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे एड्स हो सकता है। एड्स एचआईवी का तीसरा और सबसे उन्नत चरण है। एक व्यक्ति जिसका एचआईवी का इलाज नहीं किया गया है, उसमें एड्स विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। एड्स होने से पहले एक व्यक्ति लगभग 10 से 15 साल तक एचआईवी वायरस के साथ रह सकता है।

HIV एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है. वहीं लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है। जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता।
वर्ल्ड एड्स डे का उद्देश्य-

वर्ल्ड एड्स डे मनाने का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। UNICEF की रिपोर्ट की मानें तो अब तक 37 मिलियन से ज्यादा लोग HIV के शिकार हो चुके हैं। जबकि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग 3 मिलियन के आसपास है।

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