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UP उन्नाव गांव के हरदास पुर के निराला इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक का बरसों पुराना दर्द हुआ पेड़ के गोंद से ठीक !

मोहम्मद राशिद उर्फ़ निराला उन्नाव गांव के एक छोटे से जिले हरदास पुर में रहने वाले सज्जन आदमी हैं । वह अपने जीवन मूल्यों से बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं और सादगी से जीवन बिताने में विश्वास करते हैं।

By RNI Hindi Desk 
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मोहम्मद राशिद उर्फ़ निराला उन्नाव गांव के एक छोटे से जिले हरदास पुर में रहने वाले सज्जन आदमी हैं । वह अपने जीवन मूल्यों से बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं और सादगी से जीवन बिताने में विश्वास करते हैं। वह अपनी पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे के साथ खुशी-खुशी हरदास पुर में रहते हैं। उनकी दोनों बेटियां घर में सिलाई- कढ़ाई का काम करती हैं जिसमें निराला जी भी मदद करते हैं । साथ ही उनका बेटा इलेक्ट्रॉनिक्स का काम करता है। उनकी दुकान का नाम निराला इलेक्ट्रॉनिक्स है। निराला जी अपने गांव में निराला के नाम से मशहूर हैं । इसके साथ-साथ निराला जी और उनकी पत्नी खेती-बाड़ी का भी काम करते हैं । निराला जी का मिलनसार स्वभाव होने के कारण उनके मित्र बहुत जल्दी बन जाते हैं। वह अपने इलाके में मदद करने वाले और स्नेही व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं। उनके पास भैंस भी है, जिसकी वो देखभाल करते हैं। https://bit.ly/33N0y6U

निराला जी का दिनचर्या एक आदर्श भारतीय पुरुष के दिनचर्या जैसी है, क्योंकि वो जल्दी उठते हैं और अपनी खेतीबाड़ी का काम करने के बाद वो अपने बेटे के साथ इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर भी काम करते हैं । उनका व्यक्तित्व बहुत आशावादी और दयालु है। वो हमेशा दुसरो की मदद के लिए तैयार रहते है ।

लेकिन कालचक्र कभी भी बुरा वक्त दिखा सकता है। उस पर किसी का बस नही है। एक दिन अपनी दुकान पर टीवी रिपेयर करते वक्त काफी देर तक बैठे रहने से उन्हें अपनी कमर के निचले हिस्से में तेज़ दर्द महसूस हुआ लेकिन उन्होंने इस दर्द को मामूली दर्द समझकर अनदेखा कर दिया। उन्होंने सोचा कि मालिश करने से यह ठीक हो जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ। निराला जी सोच रहे थे कि उनके शरीर में दर्द आना थकान का कारण था। लेकिन जब अगले दिन की सुबह निराला जी उठे तब उनकी कमर का दर्द बढ़कर पूरे शरीर में फैल चूका था । https://bit.ly/33N0y6U

अब ना सिर्फ उनकी कमर, बल्कि उनके हाथ, पैर और घुटनो में भी दर्द था । निराला जी के दर्द के कारण उन्हें चलने, झुकने और सामान उठाने जैसे रोज़मर्रा के काम करने में दिक्क़ते आने लगी थी । इतना ही नहीं अपने दर्द के चलते उन्हें अपनी खेती का काम भी बंद करना पड़ा, निराला जी को छोटे से छोटे काम के लिए भी अपने परिवार की मदद की जरूरत पढ़ने लगी। वह अपने दर्द के साथ लगभग 1 साल तक झुझते रहे ।

जब निराला जी की हालत ज़्यादा खराब हो गई, तो उनके परिवार वाले उन्हें पास के अस्पताल ले गए और डॉक्टर को दिखाया, पर उन्हें कोई आराम नहीं आया। इसके बाद निराला जी अपने इलाज़ के लिए ना जाने कहाँ कहाँ गए और ना जाने कितने अस्पतालों का दौरा किया। कई नुस्खे अपनाए, लेकिन कुछ भी कारगर साबित नहीं हुआ। इतनी जगह इलाज़ कराकर वो थक चुके थे। अब वो ठीक होने की सारी उम्मीदें खो चुके थे। लेकिन उम्मीद की किरण अभी बुझी नही थी।

एक दिन निराला जी अपने घर में बैठे टीवी देख रहे थे, तभी उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब जी का शो,  “सेहत और ज़िंदगी”  देखा। उस शो में निराला जी ने देखा कि कैसे लोग हकीम साहब जी के घर के नुस्खो से ठीक होने के अपने अनुभव बता रहे थे और मामूली चीज़े जैसे हल्दी/नमक/ गोंद लेकर लोगो को फायदा हो रहा हैं !

हकीम साहब द्वारा लोगों की मदद करने की कोशिश से वह काफी प्रभावित हुए और वह हकीम साहब के शो को रोजाना देखने लगे। और हाकिम साहब को काफी पसंद करने लगे ।

हकीम साहब ने एक दिन जोड़ों और कमर दर्द के लिए गोंद सियाह बताया और ये भी कहा की सिर्फ असली ले।  निराला जी ने हाकिम साहब की राय पर फौरन अमल किया और गोंद  सियाह मंगवा लिया और कुछ ही दिनों में उनका दर्द पूरी तरह ठीक हो गया और आज वो आपने सारे काम खुद करते हैं । बिलकुल पहले की तरह, एक मामूली सी लगने वाली जड़ी बूटी ने उनकी ज़िन्दगी बदल कर रख दी । निराला जी और उनका पूरा परिवार हाकिम साहब का शो रोज़ देखते  हैं ।

गोंद सियाह क्या हैं ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है । यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है । इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू (हिंदी) । यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं । यह एक  मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है । गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है । वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह  हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है ।

इस के साथ ही आज निराला जी और उनका पूरा परिवार हकीम साहब जी का धन्यवाद करते हैं और इतना ही नहीं, अब हकीम सुलेमान खान जी के हर्बल नुस्खों का सेवन उनका पूरा परिवार, दोस्त और रिश्तेदार सब करते हैं। यहाँ तक की उन्होंने एक छोटी सी दुकान भी बनाई है, जिसमें वह “Atiya Herbs” से इन  जड़ी बूटियों को मंगवाते है और अपने गांव के लोगों को फ्री में देते हैं और उन सभी को यह सलाह देते हैं कि “इन सभी हर्ब्स का नियमित रूप से पालन करने से आपके किसी भी प्रकार का शारीरिक दर्द सही हो सकता है । ”

आप भी असली गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं ।

कॉल करें: 011 4317 8428

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