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उत्तराखंड चुनाव से पहले कांग्रेस से नाराज हुए पूर्व सीएम हरीश रावत!, सोशल मीडिया पर शेयर किया ये पोस्ट

Former CM Harish Rawat got angry with Congress before Uttarakhand elections!; उत्तराखंड चुनाव से पहले कांग्रेस से नाराज हुए पूर्व सीएम हरीश रावत। हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर शेयर किया ये पोस्ट। कांग्रेस को हो सकता है नुकसान।

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : उत्तराखंड में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है। लेकिन सीएम का चेहरा न घोषित करने का पार्टी को फायदा होगा या नुकसान। ये चिंता कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में हो या न हो, पूर्व सीएम हरीश रावत में जरुर नजर आ रही है। ऐसे में हरीश रावत के सोशल मीडिया पोस्ट पर भी नजर डालने से काफी कुछ स्थिति साफ होती नजर आ जाती है। हालांकि बीते दो दिनों में हरीश रावत के दो अलग-अलग पोस्ट के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। एक दिन पहले हरीश रावत ने उनके विरोधियों से उन्हें बचाने के लिए सहयोग मांगा तो अगले दिन संगठन को लेकर ही सवाल खड़े कर नए साल में बड़ा फैसला लेने के संकेत दे दिए हैं।

हरीश रावत उत्तराखंड चुनाव को लेकर शुरुआत से ही चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस हाईकमान सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रहा है। माना जा रहा है कि वह इससे काफी नाराज हैं, इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया पर खुलकर अपने दिल की बात लिखी। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!

फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।

गौरतलब है कि चुनाव से पहले उत्तराखंड कांग्रेस को ये खींचतान भारी पड़ सकती है। अंदरूनी कलह का बाहर आने का नुकसान पार्टी को हो सकता है। साथ ही गुटबाजी भी चरम पर पहुंच सकती है। लेकिन, कांग्रेस के लिए हरीश रावत को मनाना बेहद जरूरी है, क्योंकि वह न सिर्फ पार्टी के प्रचार अभियान के प्रमुख हैं, बल्कि वह राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। उनका राजनीतिक अनुभव कांग्रेस के लिए चुनावी वैतरणी को पार करने के लिए बेहद जरूरी है।

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