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फेक न्यूज़ फ़ैलाने वाले मोहम्मद जुबैर से बोले शलभमणि त्रिपाठी, UP पुलिस तलाश रही है पता…

By RNI Hindi Desk 
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लखनऊ: मुस्लिम बुजुर्ग अब्दुल समद का वीडियो झूठे दावे के साथ वायरल करने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब एक्शन लेना शुरू कर दिया है, इसी कड़ी में पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ वाले मोहम्मद जुबेर( mohammed zubair alt news ) , पत्रकार राणा अयूब, वामपंथी न्यूज़ पोर्टल ‘द वायर’ कांग्रेस नेता सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, डॉ समा मोहम्मद सबा नकवी और माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस लोगों पर झूठा वीडियो वायरल करके दंगा भड़कानें का षड्यंत्र करने का आरोप है, इन सभी आरोपियों के विरुद्ध गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने में गैर जमानती धाराओं 153/ 153A/ 295A/ 505 / 120B & 34 IPC के अंतर्गत FIR पंजीकृत की गई है.

यूपी पुलिस के एक्शन के बाद अब सब ट्वीट डिलीट करके रफूचक्कर हो रहे हैं, लेकिन इस बार इन्हें फर्जी ट्वीट करना काफी महंगा पड़ने वाला है, मोहम्मद जुबैर ( mohammed zubair alt news ) ने एक वीडियो शेयर कर के आरोप लगाया था कि लोनी में अब्दुल समद नाम के एक बुजुर्ग से जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाया गया, जबकि आरोपितों में आरिफ, आदिल और मुशाहिद भी शामिल थे। पुलिस की जाँच में ये मामला सांप्रदायिक नहीं निकला। यूपी पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद जुबेर ने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने दो टूक कहा, अफवाह फैलाओ और बच निकलो, यह सब अब नहीं चलेगा। जुबैर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए शलभमणि त्रिपाठी ने लिखा, फिलहाल Uppolice पता तलाश रही, पहले अपना पता बताओ, ये खेल अब नहीं चलेगा कि ‘दंगाई अफवाह’ फैलाओ, मकसद पूरा होते चुपके से ट्विट डिलीट कर रफूचक्कर हो जाओ, कुंठितों और एजेंडाबाजों की जमात ये खेल लगातार खेलती रही, हर झूठ की मोटी कीमत है और हर एजेंडे का खास मक़सद -साजिश, झूठ, नफरत, गुनाह।

मंगलवार रात दर्ज की गई एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि आरोपियों द्वारा पोस्ट किए गए ट्वीट बड़े पैमाने पर साझा किए गए थे, आरोपी और अन्य लोगों ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दुश्मनी पैदा करने की कोशिश की।” “ट्वीट सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने का एक प्रयास था.

पुलिस ने कहा कि आरोपित और पीड़ित पहले से परिचित थे। अब्दुल समद ने ताबीज देकर इसके सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। ताबीज ने काम नहीं किया तो आरोपितों ने उसे पीट दिया। व्यक्तिगत विवाद की इस घटना में आरोपितों में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के लोग थे।

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