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नोएडा में 150 से अधिक इमारतो में आग से बचाव के उपाय सही नही दमकल विभाग ने 200 इमारतो को जारी किए थे नोटिस

Fire prevention measures are not right in more than 150 buildings in Noida , नोएडा में 150 से अधिक इमारतों में आग से बचाव के उपाय सही नही, दमकल विभाग ने जांच के बाद 200 इमारतो को जारी किए थे नोटिस

By RNI Hindi Desk 
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नोएडा। उत्तर प्रदेश का हाईटेक सिटी कहा जाने वाले नोएडा शहर में बहुत सी हाईराईज इमारतो में खामिया मिली थी। जिस पर नोएडा दमकल विभाग द्वारा 200 से अधिक को नोटिस जारी किए गए थे। इसके अलावा दमकल विभाग के पास जहां दमकल कर्मियों की कमी है, वही आग पर काबू पाने वाले उपकरणों और संसाधनो की भी कमी है। ऐसे में यदि कोई विपरित स्थिति बनती है तो हालात बुरे होंगे। दमकल विभाग द्वारा संसाधनो की पूर्ती और कर्मियों के रिक्त पदो को भरने की शासन से मांग की गई है।


नोएडा में बड़ी बड़ी औद्योगिक इकाईया और रहने के लिए बड़ी बड़ी इमारते बनी हुई है। ऐसे में बहुत सी इमारतो में रहने वाले लोगों की आग से सुरक्षा के लिए प्रयाप्त इंतजाम नही है। इसी को देखते हुए नोएडा दमकल विभाग द्वारा कई सोसायटी की इमारतो की जांच भी की गई थी और जिन इमारतो या फैक्ट्रियों में कमी पाई कई थी उनको दमकल विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किए गए थे। जिसके बाद कुछ सोसायटी ने मानक पूरे कर नोटिस का निस्तारण किया, मगर अभी भी बड़ी संख्या में ऐसी इमारते बची हुई है, जिनमें आग से बचाव के प्रयाप्त साधन नही है। ऐसे में यदि किसी ऐसी इमारत में आग लगती है, तो हादसा बहुत बड़ा हो सकता है।

इमारतो में अधिकतर शॉट सर्किट के कारण लगती है आग
नोएडा में पहले भी रेजिडेंटल सोसायटी में बनी कई इमारतो में आग लग चुकी है। दमकल विभाग के अनुसार इमारतो में अधिकतर शॉट सर्किट के कारण आग लगने की घटनाए सामने आई है। इसके अलावा घर में किसी कारण से कपड़ो में लगी आग और गैस सिंलेंडर लिकेज के कारण लगी आग ने भी विकराल रुप धारण किया है।

अग्निशमन के अनुसार करने होते है मानक पूरे
रेजिडेंटल इमारतो के निर्माण के लिए दमकल विभाग द्वारा अग्नि से सुरक्षो को लेकर तय किए गए मानको को पूरा करना होता है। इसके लिए इमारातो में फायर एलटयूमिशन लगा होना चाहिए, होज रील होनी चाहिए, डाउन कमर पाईप लगा होना चाहिए, बैसमेंट और इमारातो में फायर अलार्म, वाटर स्प्रिंकल, अग्नि सूचक यंत्र
लगे होने चाहिए और 25000 हाजर लीटर का टैरिस टेंक बना होना चाहिए। इन सभी जांच के बाद दमकल विभाग संबंधित इमारत को एनओसी जारी करती है।

कितने है दमकल विभाग के पास संसाधन
नोएडा दमकल विभाग के अनुसार जनपद में 11 फायर स्टेशन है। इस सभी फायर स्टेशनो पर 4 हजार से 5 हजार लीटर क्षमता वाले कुल 18 फायर टेंडर है। 2000 से 2500 लीटर क्षमता वाले कुल 5 फायर टेंडर है। कुल 8 वाटर बाउंजर है। दमकल कर्मियों को ले जाने के लिए प्रयोग होने वाली 14 जीप है। जनपद में हाल में एक फोम टेंडर है।

कितने संसाधानो की मांग की है विभाग ने
नोएडा दमकल विभाग ने जनपद में 4000 से 5000 क्षमता वाले 7 फायर टेंडरो की मांग की है। 2000 से 2500 क्षमता वाले 17 फायर टेंडर, 4 वाटर बाउंजर, 18 जीप, 8 फोम टेंडर, 18 वाटर मिस्ट विद हाई प्रेशर,18 एडवांस रैशक्यू टेंडर की मांग शासन से की गई है।

72 मीटर ऊंचे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मांग जल्द हो सकती है पूरी
नोएडा में दमकल विभाग के पास हाल में दो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है। जिनमें दो 42 मीटर ऊंचे है और तीन 32 मीटर ऊंचे है। ऐसे में हाइराइज सोसाइटी के लिए दमकल विभाग द्वारा 72 मीटर ऊचे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मांग की थी। जिसके लिए तीनो प्राधिकरण मिलकर रुपए देगी। जल्द ही दमकल विभाग को 72 मीटर ऊंचा हाइड्रोलिक प्लेटफार्म भी मिल सकता है।

इमारतो में खामिया मिलने पर क्या हुई कार्यवाही
दमकल विभाग ने शहर में बनी सोसायटियों और इंडस्ट्रिज में अग्नि सुरक्षा को लेकर मानको को पूरा किए जाने की जांच की थी। जांच के बाद खामिया पाए जाने पर विभाग ने 203 सोसायटी और इंस्ट्रिज को नोटिस जारी किए थे। इसके बाद इनमे से 39 सोसायटी ने नियमो को पालन कर नोटिस का निस्तारण करा लिया। इसके अलावा विभाग ने 18 के खिलाफ वाद दायर किया है और दो पर जुर्माना भी लगाया है। विभाग बाकि बचे नोटिसो के खिलाफ कार्यवाही करने में लगा हुआ है।

वाटर मिस्ट बाइक्स का इंतजार
हाई राईिंजग बिल्डिंग और संकरी गलियों में आग पर काबू पाने के लिए नोएडा और ग्रेनो में 102 मीटर हाईड्रोलिक और वाटर मिस्ट बाइक्स की जरूरत है। दोनों उपकरणों की मांग को लेकर दमकल विभाग ने दो साल पहले मुख्यालय को पत्र भेजा था। इसके बाद कई रिमाइंडर भी भेजे गए। मगर अभी तक विभाग को न तो हाईड्रोलिक मिला है और न ही वाटर मिस्ट बाइक्स। वाटर मिस्ट बाइक्स तंग गलियों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और ट्रैफिक जाम की स्थिति में मौके पर पहुंंचकर आगजनी से निपटने में सक्षम है।

झुग्गियों में भी आग से बड़ा है खतरा
नोएडा में सेक्टर 4, 5, 7, 8, 9, 10, 16, 17, 57, 63, फेस दो, सेक्टर 50 और डीएनडी फ्लाईओवर के पास झुग्गी बस्ती है। इन बस्तियों में 30 से 40 हजार लोग रहते हैं। ज्यादातर झुग्गी बस्ती आवासीय क्षेत्रों से घिरी हैं। ऐसे में आगजनी की घटना होती है तो आवासीय क्षेत्रों को भी चपेट में ले सकती है। इससे पहले भी नोएडा में बहलोलपुर और बरोला में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 150 परिवार बेघर हो गए थे।

जनपद में फायरमेन की 190 पद खाली
जनपद में दमकल विभाग में कर्मचारियों की बेहद कमी है। ऐसे में खाली पदो को भरने के लिए विभाग द्वारा शासन से समय समय पर मांग की जाती है।

पिछले दो साल में हुई आग लगने की पांच बड़ी घटनाएं

17 फरवरी 2022 को नोएडा के सेक्टर 53 स्थित एक कॉम्पलेक्स में स्थित एक स्पा सेंटर में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग पूरे सेंटर में फैल गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक आग की चपेट में एक महिला और पुरुष आ चुके थे। हादसे में उनकी मौत हो गयी।

11 अप्रैल 2021 को नोएडा के बहलोलपुर की लगभग डेढ़ सौ से अधिक झुग्गियों में भीषण आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की 20 से अधिक गाड़ियां की मदद से आग पर काबू पाया गया था। हादसे में दो बच्चों की आग में जलने के कारण मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत दोनों बच्चों के परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी।

24 दिसंबर 2021 को थाना फेस-2 क्षेत्र के गेझा गांव में ठंड से बचने के लिए 3 मासूम बच्चे आग ताप रहे थे। इसी बीच उनके ऊनी कपड़ों में आग लग गई थी। इस घटना में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। इस घटना के बाद गेझा गांव में मातम छा गया था।

16 अगस्त 2021 को गढ़ी चौखंडी गली नंबर 10 में एक मकान में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी। इस हादसे में दो मासूम बच्चों की आग में जलकर मौत हो गई थी। हादसे में बच्चों के माता-पिता समेत तीन लोग भी गंभीर रूप से झुलस गए थे।

पिछले तीन साल में जनपद में लगी आग की घटनाएं
वर्ष 2019 में कुल आग की घटनाएं 1729

वर्ष 2020 में कुल आग की घटनाएं 1245

वर्ष 2021 में कुल आग की घटनाएं 1368

वर्ष 2022 में अप्रैल माह तक आग की घटनाएं 626

स्रोत- अग्निशमन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार

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