नेबुआ नौरंगियाके समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर तो है ही, वहीं बिजली की रोजाना लंबे समय कटौती यहां के डॉक्टरों, कर्मचारियों और मरीजों के लिए सरदर्द बनी हुई है
कुशीनगरः उत्तर प्रदेश में सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के सुचारू होने को लेकर भले ही ढोल पीटती हो लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था अपनी बदहाली पर आंसू बहाती नजर आ रही है। मामला जनपद कुशीनगर के समुदायिक स्वस्थ्य केन्द्र नेबुआ नौरंगिया का है, जहां समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर तो है ही, वहीं बिजली की रोजाना लंबे समय कटौती यहां के डॉक्टरों, कर्मचारियों और मरीजों के लिए सरदर्द बनी हुई है। बताया जा रहा है कि बिजली सुबह 8 बजे चली जाती है और शाम को 5-6 बजे तक आती है। वहीं दिनभर बिजली की कटौती बावजूद अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी भीषण गर्मी में काम करते नजर आ रहे हैं। यहीं नहीं अस्पताल में इलाज कराने आ रहे मरीज और उनके परिजन भी भीषण गर्मी से परेशान हैं। यहां कार्यरत चिकित्सा प्रभारी का कहना है की यहां दिन में बिजली कटौती होने से इस भीषण गर्मी में अस्पताल कर्मी हो या मरीज सभी परेशान रहते हैं। इस स्थिति में काम करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि बिजली न आने के विकल्प के रूप में इनवर्टर सिर्फ 4-5 घंटे में खत्म हो जाता है। इसके अलावा अस्पताल में जनरेटर भी लगा है लेकिन वो भी खराब पड़ा है। उन्होने बताया कि तकरीब एक साल से डीजल भी नहीं मिला जिसके चलते जनरेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।