अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में रहने वाली शबनम सैफी नाम की युवती सलीम पठान नाम के युवक से प्यार करती थी। दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे। लेकिन युवती के घरवाले इस शादी के खिलाफ थे। शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात को अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात लोगों को कुल्हाड़ी से काट डाला था।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी प्रेमी (सलीम) मौके से फरार हो गया था, लेकिन शबनम रातभर घर में ही रही, और सुबह उसने शोर मचा दिया कि बदमाशों ने उसके परिवारवालों की हत्या कर दी। वहीं जमीन पर पड़े खून से लथपथ शवों को देकर गांव में हड़कंप मच गया था। घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम और उसके प्रेमी (सलीम) को हिरासत में लिया, और दोनों ने अपना अपराध कबूल भी किया था।
आपको बताते चलें कि, इस मामले में शबनम और उसके प्रेमी सलीम को निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर फांसी माफ करने की गुहार लगाई है, जिस पर कोर्ट ने बीते गुरुवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दोनों दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।