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क्यों आती है विवाह में बाधा ? पढ़िये ज्योतिषीय विश्लेषण

By RNI Hindi Desk 
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कई बार हमे यह देखने में आता है की किसी का विवाह या तो होता नहीं या बड़ी कठिनाई के साथ होता है वही दूसरी और किसी का विवाह तो हो जाता है लेकिन जीवन में दुःख और दर्द के सिवाय कुछ नहीं मिलता है, यह दोनों अलग अलग परिस्तिथि है और इस लेख में हम सिर्फ विवाह देर से होने के योग के बारे में चर्चा करेगे. ज्योतिष में ऐसे कई योग है जिनके आधार पर हम यह पता करते है की जातक या जातिका का विवाह देर से क्यूँ हो रहा है या विवाह होगा भी या नहीं ?

विवाह देर से होने के योग –

विवाह के लिए पंचम, सप्तम, द्वितीय और द्वादश भावों का विचार किया जाता है, द्वितीय भाव सप्तम से अष्टम होने के कारण विवाह के आरम्भ और अंत का ज्ञान कराता है, साथ ही कुटुंब का भी भाव होता है..

द्वादश भाव शैया सुख के लिए विचारणीय होता है, स्त्रियों के संदर्भ में सौभाग्य ज्ञान अष्टम से देखा जाता है अतः यह भी विचारणीय है, शुक्र को पुरुष के लिए और स्त्री के लिए गुरु को विवाह का कारक माना जाता है .

1- सूर्य और शनि की युति लग्न में हो तो विवाह में विलम्ब होता है.
2- चन्द्रमा सप्तम भाव में और शनि लग्न में हो अथवा शनि और चन्द्रमा की युति सप्तम भाव में हो तो विवाह में विलम्ब होता है..
3- शुक्र-चन्द्रमा की सप्तम में स्थिति भी चिंतनीय होती है, यदि मंगल-शनि उनसे सप्तम में हो तो निश्चित रूप से विवाह में विलम्ब होता है.

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4- यदि शुक्र शत्रु राशिगत होकर सप्तमस्थ हो तो विवाह में अनेक अवरोध आते है और विलम्ब होता है.
5- सूर्य और चन्द्रमा बलि होकर सप्तमेश शुक्र के साथ हो और इनपर गुरु की दृष्टि न हो तो विवाह नहीं होता है ,गुरु की दृष्टि होने पर एक बार विवाह हो जाता है परन्तु कटुता जीवन भर रहती है.
6-यदि लग्नेश और चन्द्रमा किसी पाप ग्रह के साथ सप्तम भाव में हो तथा सप्तमेश द्वादश भाव में हो विवाह में विलम्ब होता है, या फिर सप्तम भाव यदि शनि और मंगल के पापकर्तरी योग में हो तो विवाह में विलम्ब हो सकता है.

विवाह में देरी के ज्योतिषीय उपाय –

अगर आपकी कुंडली में भी अगर ऐसा कोई योग है जिसके कारण आपको विवाह में बाधा आ रही है तो आप निम्नलिखित उपाय कर सकते है –

1 – श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए, शीघ्र विवाह के लिए भगवान श्री कृष्ण का मन्त्र
“क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।”

2-शिव-पार्वती का पूजन करने स भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें..

3 – अगर किसी कन्या के विवाह में कोई समस्या आ रही रही है तो सोमवार को सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे..

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4- बृहस्पति सौभाग्य के कारक है इसलिए गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए, पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए.

5- माँ पार्वती की विधिवत पूजा करके निम्नांकित मंत्र की पाँच माला का जाप करने पर मनोरथ शीघ्र पूर्ण होती है-
हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्व शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणि, कान्तकांता सुदुर्लुभाम्‌॥

इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में शनि के कारण या मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी हो रही है तो आप किसी ज्ञानी और गुणी ब्राह्मण से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाए और यथासंभव उपाय करे.

|| जय श्री कृष्ण ||

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