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धनु राशि में बन रहा है चतुर्ग्रही योग : भारत देश पर क्या होगा असर ?

By RNI Hindi Desk 
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वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह है और हर ग्रह सभी 12 राशियों में अपनी गति से परिभ्रमण करता है , सूर्य को ग्रहो के मंत्रिमंडल में राजा का स्थान प्राप्त है वही इसे ज्योतिष की आत्मा भी बोला जाता है , किसी भी जातक की कुंडली में सूर्य उसके व्यक्तित्व का कारक होता है।

सूर्य अभी वृश्चिक राशि में है और 16 दिसंबर को दोपहर बाद 3 बजकर 25 मिनट पर बृहस्पति की राशि ‘धनु’ में प्रवेश करेंगे। इस राशि पर ये 14 जनवरी की मध्य रात्रि के बाद 4 बजकर 05 मिनट तक भ्रमण करेंगे जिसके बाद ये अपने पुत्र शनि की राशि मकर में आ जायेगे।

अगर हम ज्योतिष की दृष्टि से विचार करे तो धनु राशि एक अग्नि तत्व की राशि है जिसमे पहले से शनि और केतु जैसे पाप ग्रह विद्यमान है वही गुरु भी अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु में वही है और सूर्य के आने से धनु राशि में चतुर्ग्रही योग बनेगा।

दरअसल ज्योतिष की दृष्टि से जब 4 ग्रह एक ही राशि में आ जाते है तो उसे चतुर्ग्रही योग कहा जाता है ! अभी धनु में केतु 15 अंश पर , गुरु 8 अंश पर, शनि 25 अंश पर और सूर्य जब आएंगे तो वो हर दिन 1 अंश आगे बढ़ जायेगे तो इस तरह से धनु राशि में चार ग्रहों की युति होगी।

धनु में इन चार ग्रहों से कुछ योग बन रहे है, गुरु अपनी मूल त्रिकोण राशि में है तो वो बलवान है लेकिन मिथुन में बैठे राहु की दृष्टि से गुरु चांडाल योग बन रहा है वही शनि केतु की युति से जो योग बन रहा है वो भी ठीक नहीं है वही गुरु पर केतु शनि और राहु का प्रभाव होने से उनके शुभ फल में कमी आती है।

वही अगर सूर्य की बात करे तो शनि और सूर्य शत्रु है तो ऐसे में धनु राशि में चार ग्रह देश के लिए ठीक नहीं है, भारत की कुंडली वृष लग्न की है जिसके तीसरे भाव में भी यही योग है , इस गोचर से कुदरती आपदा आएगी वही आगजनी और आंधी तूफान का योग बन रहा है।

वही अगर देश की राजनीति की बात करे तो ज्योतिष में शनि राजनीति का कारक है और इससे जनता का विचार किया जाता है वही गुरु से उच्च पद पर बैठे व्यक्ति का विचार किया जाता है तो ऐसे में जब इस युति से शनि और गुरु दोनों पीड़ित होंगे तो राजनैतिक असंतोष बढ़ जाएगा।

इस दौरान देश की सुरक्षा पर कोई गंभीर आंच आ सकती है, जनता सरकार से नाराज रहेगी वही मिथुन राशि यानि बुद्ध की राशि में बैठे राहु के प्रभाव के कारण कुतर्को वाली बयानबाजी बढ़ जायेगी, वही 26 दिसम्बर को धनु राशि में बुद्ध और चंद्र भी होंगे यानी 6 ग्रह, मंगल ठीक पीछे वृश्चिक में होगा तो 25 और 26 दिसम्बर को कोई बड़ी घटना हो सकती है।

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