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भारत के लाल तारिक फतह जी को श्रद्धांजलि — 20 नवंबर 1949 से 24 अप्रैल 2023 तक का लम्बा सफर

पाकिस्तान में उनका जन्म हुआ था, लेकिन वह 80 के दशक के बाद से कनाडा चले गए थे। फतह पाकिस्तान की सेना और कट्टरपंथियों के कड़े आलोचक रहे हैं।

By: RNI Hindi Desk 
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भारत के लाल तारिक फतह जी को श्रद्धांजलि — 20 नवंबर 1949 से 24 अप्रैल 2023 तक का लम्बा सफर

मनु चौधरी की कलम से
भले ही वो पाकिस्तान में जन्मे लेकिन उनके दिल में हमेशा रहा भारत। पाकिस्तानी लेखक तारेक फतह कैंसर से आज अपनी जंग हार गए हैं। आज 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वह अस्पताल में भर्ती थे। पाकिस्तान में उनका जन्म हुआ था, लेकिन वह 80 के दशक के बाद से कनाडा चले गए थे। फतह पाकिस्तान की सेना और कट्टरपंथियों के कड़े आलोचक रहे हैं।

1 ) तारेक फतह को पाकिस्तान के कट्टरपंथी जितना नफरत करते थे, उससे ज्यादा उन्हें भारत में प्यार मिलता था। तारेक फतह समलैंगिक अधिकारों के समर्थक थे। इसके अलावा उनका मानना था कि धर्म और देश को एक दूसरे से अलग रहना चाहिए। वह शरिया कानून की जगह प्रोग्रेसिव इस्लाम की बात करते थे।

2 ) तारेक फतह खुद को एक भारतीय बताते थे जो पाकिस्तान में पैदा हुआ है। वह पाकिस्तान की धार्मिक और राजनीतिक आलोचना करते थे। वह कई बार भारत के बंटवारे को भी गलत बताते रहे हैं।
3 ) तारेक फतह को उनके विचार के कारण कई बार जान की धमकी भी मिलती रही है। 2017 में उन्होंने टोरंटो सन में लिखे अपने एक लेख में कहा था कि एक कार्यक्रम में उन पर हमला हुआ था। उनके साथ मारपीट की गई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि बिना सिक्योरिटी के मुझे कही भी जाने पर खतरा है। उन्होंने कहा कि मेरा सिर कलम करने की धमकी दी गई है।
4 ) तारेक फतह का जन्म 20 नवंबर 1949 में कराची में हुआ था। उनके पिता मुंबई (तब बॉम्बे) से पलायन करके पाकिस्तान गए थे। कराची यूनिवर्सिटी से फतह ने बायोकेमेस्ट्री की पढ़ाई की, लेकिन अंततः वह पत्रकारिता के क्षेत्र में उतर गए।
5 ) 1960-70 के दशक के बीच वह एक वामपंथी छात्र नेता थे। कई रिपोर्ट्स का कहना है कि उन पर देशद्रोह का आरोप भी लगा था और पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने उन्हें पत्रकारिता से रोक दिया था। 1987 में कनाडा जाने से पहले वह सऊदी अरब में भी रहे।
6 ) तारेक फतह अपने खुले विचारों के लिए जाने जाते रहे हैं। आप की अदालत कार्यक्रम में उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए अयोध्या के राम मंदिर का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि भारत ही दुनिया को रास्ता दिखाता रहा है। अगर भारत है तो दुनिया है। भारत खत्म तो दुनिया खत्म।
7 ) तारेक फतह के परिवार की अगर बात करें तो उनकी पत्नी का नाम नरगिस तपाल है। दोनों की दो बेटिया हैं, जिनका नाम नताशा फतह और नाजिया फतह है। नताशा फतह कनाडा की एक पत्रकार और टीवी एंकर हैं। नताशा ने अपने पिता के निधन पर एक ट्वीट में उन्हें ‘भारत का बेटा’ बताया।

 

Copyright Manu Chaudhary

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