मध्यप्रदेश में चल रहे हाईवोलटेज पॉलटिकल ड्रामे के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। सिंधिया ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। बता दे, 18 साल तक सिंधिया कांग्रेस में रहे है। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार मुश्किल में है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को प्राथमिक सदस्यता दिलाते हुए कहा, आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं।
भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं। मैं अपनी ओर से और सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका हार्दिक अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं।
जिसके बाद भाजपा में शामिल होने पर सिंधिया ने कहा, ‘मेरे जीवन में दो दिन अहम हैं। पहला दिवस 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खो दिया। वहीं दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जब उनकी 75वीं वर्षगांठ पर मैंने एक निर्णय लिया है। कांग्रेस में रहकर जनसेवा संभव नहीं है। राजनीति जनसेवा का लक्ष्य है। मेरा लक्ष्य जनसेवा है। कांग्रेस वास्तविकता से दूर है। अब कांग्रेस सपहले वाली कांग्रेस नहीं रही।