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उत्तराखंड प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए पैसों का लिया सहारा! चुनाव आयोग ने ली खबर…

Uttarakhand candidates resorted to money to win the election! The Election Commission took the news...आपको बता दें कि प्रदेश की सात बड़ी विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतने के लिए अब प्रत्याशी पैसो का सहारा ले रहे है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट:खुशी पाल

उत्तराखंड(Uttarakhand) की राजनीति ने अब नया रुख ले लिया है। आपको बता दें कि प्रदेश की सात बड़ी विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतने के लिए अब प्रत्याशी पैसो का सहारा ले रहे है।

चुनाव आयोग ने ली खबर

वहीं, प्रत्याशियों की यह हरकत करने पर चुनाव आयोग ने इन सातों विधानसभा सीटों को अपने निशाने पर ले लिया है। वहीं, सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक 2017 के मुकाबले इस चुनाव में अब तक दोगुना रकम और शराब बरामद की जा चुकी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का बयान

वहीं, इस मामले परे मुख्य चुनाव निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने मीडिया से बातचीत के दौरान कुछ अहम जानकारी दी है।उन्होंने बताया कि आयोग ने हाल ही में एक सर्वे किया जिसके दौरान पता चला कि इन सात विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशी धनबल  का इस्तेमाल कर रहे है।

चिन्हित प्रत्याशियों पर जांच की जा रही है। सौजन्या ने बताया कि इनमें कुमाऊं की सितारगंज, काशीपुर, बाजपुर, हल्द्वानी और लालकुआं सीट शामिल हैं और गढ़वाल मंडल की चकराता व हरिद्वार सीट शामिल हैं।

कौन है चुनाव आयोग की रडार पर?

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में चुनाव जीतने के लिए धनबल का इस्तेमाल करने में इन सभी प्रत्याशियों का नाम आया है।सितारगंज में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा का बेटा सौरभ बहुगुणा, बाजपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, लालकुआं में पूर्व सीएम हरीश रावत, चकराता में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, हरिद्वार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, हल्द्वानी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश और काशीपुर में हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा चुनाव मैदान में हैं। मोटे तौर पर यह सीटें हाई प्रोफाइल होने के साथ ही यहां धनबल की आशंका है। चुनाव आयोग ने यहां टीमें सक्रिय की हुई हैं।

पैसे और शराब से वोटरों को लुभाने की कोशिश

आपको बता दें कि इन सभी प्रत्याशियों ने विधानसभा चुनाव में जनता को पैसे और शराब से अपनी ओर लेने की कोशिश की। सभी चिन्हित प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग सख्त कार्यवाई कर रहा है इसके अलावा मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने जानकारी दी कि 2017 में 6 करोड़ 85 रुपये कीमत की शराब और कैश बरामद किए गए थे। वहीं, 2019  में यह रिकोर्ड सात करोड़ 31 लाख रुपये था।

2022 का रिकोर्ड

वहीं, 2022 की बात करें तो आयोग ने अब तक 12 करोड़ 27 लाख रुपये की शराब और कैश बरामद किया है। बता दें कि अब तक साढ़े तीन करोड़ कैश, तीन करोड़ दस लाख रुपये कीमत की शराब, चार करोड़ 70 लाख रुपये कीमत की ड्रग्स और करीब 24 लाख कीमत के गहने शामिल हैं। हालांकि अभी 6 दिन का समय बाकी है,जिसमे माना जा रहा है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

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