लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण (Lok Sabha elections 2024 Second Phase) में मध्य प्रदेश की 6 सीटों पर 58.35% फीसदी वोटिंग हुई।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण (Lok Sabha elections 2024 Second Phase) में मध्य प्रदेश की 6 सीटों पर 58.35% फीसदी वोटिंग हुई। साल 2019 की तुलना में करीब 10 फीसद कम मतदान हुआ है। प्रदेश की इन 6 सीटों पर 2019 में वोट प्रतिशत 67.64% था। वोटिंग प्रतिशत कम होने से राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ गई है। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी आज कम मतदान को लेकर मंथन करेगी।
बीजेपी आज प्रदेश कार्यालय में पहले और दूसरे चरण में मतदान कम होने पर मंथन करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और बीजेपी मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव प्रभारी महेंद्र सिंह बैठक में मौजूद रहेंगे। तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत कैसे बढ़ाएं, इसे लेकर चर्चा होगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि शाम 6 बजे तक मध्यप्रदेश की टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद की सीटों पर कुल 58.35% ही मतदान हुआ है। टीकमगढ़ में 59.79 प्रतिशत, दमोह में 56.18 प्रतिशत, खजुराहो में 56.44, सतना में 61.87 प्रतिशत, रीवा में सबसे कम 48.67 प्रतिशत और होशंगाबाद में सबसे अधिक 67.16 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कम वोटिंग से कांग्रेस को कुछ सीट पर लाभ होता दिख रहा है। रीवा में सबसे कम वोटिंग हुई है। यहां भाजपा के जनार्दन मिश्रा और कांग्रेस की नीलम मिश्रा के बीच मुकाबला है। वहीं होशंगाबाद सीट पर भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी और कांग्रेस के संजय शर्मा के बीच मुकाबला है। दोनों ही जगहों पर भाजपा के ही सिटिंग MLA हैं। वोंटग प्रतिशत घटना, रूलिंग पार्टी के लिए नेगेटिव इशारा है, ऐसे में कम वोटिंग बीजेपी के लिए टेंशन का संकेत हो सकती है।
वोटिंग प्रतिशत में आई कमी को लेकर कमलनाथ भी कॉन्फीडेंस में आ गए हैं। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर लिखा, लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है। मध्यप्रदेश की 6 सीटों समेत पूरे देश की 88 सीटों पर कांग्रेस बेहद मज़बूत स्थिति में है। जनता ने कांग्रेस के पांच न्याय का समर्थन कर देश में परिवर्तन के लिए मतदान किया है।”