पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से रही सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा में एथिक्स कमिटी के रिपोर्ट के बाद, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा को सांसदी से बर्खास्त कर दिया है। ऐसे में अब टीएमसी की तरफ से महुआ मोइत्रा सांसद नहीं रही। बता दें कि महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा था। इस आरोप की निष्पक्ष जाँच के लिए एथिक्स कमिटी का निर्माण किया गया था।
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से रही सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा में एथिक्स कमिटी के रिपोर्ट के बाद, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा को सांसदीय से बर्खास्त कर दिया है। ऐसे में अब टीएमसी की तरफ से महुआ मोइत्रा सांसद नहीं रही।
बता दें कि महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा था। इस आरोप की निष्पक्ष जाँच के लिए एथिक्स कमिटी का निर्माण किया गया था। जिसकी रिपोर्ट आज एथिक्स कमिटी ने लोकसभा के स्पीकर को सौंप दिया। लोकसभा के स्पीकर ने एथिक्स कमिटी के रिपोर्ट को आधार मान कर टीएमसी सांसद मोइत्रा के सांसदी को बर्खास्त कर दिया।
महुआ मोइत्रा को निष्कासित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि महुआ मोइत्रा का व्यवहार अनैतिक है। वहीं मोइत्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, उन्होंने उन्हें सदन में बोलने तक नहीं दिया। ये केवल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है। उनके पास कैश गिफ्ट का कोई सबूत नहीं है।
दरअसल, महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे। साथ ही महुआ पर अपने दोस्त हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड शेयर करने का भी आरोप लगा था। एथिक्स कमेटी ने इन आरोपों को सही बताया।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।
महुआ मोइत्रा कौन है?
महुआ मोइत्रा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से 17 वीं लोकसभा से सांसद रही हैं। जिन्हें आज दिसंबर 7, 2023 को सांसदीय पद से बर्खास्त कर दिया गया है। बता दें कि एथिक्स कमिटी के रिपोर्ट में, पैसे लेकर लाकसभा में सवाल पूछने और अपने संसदीय ई-मेल का आइडी पासवर्ड देने के मुद्दे पर दोषी पाया गया और निष्कासित कर दिया गया।
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से 17 वीं लोकसभा में सांसद के पहले मोइत्रा अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2019 के भारतीय आम चुनाव में चुनाव लड़ा और जीता था।
मोइत्रा ने 2016 से 2019 तक करीमपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया और पिछले कुछ वर्षों से अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में कार्यरत थी। राजनीति में आने से पहले वह एक निवेश बैंकर थीं।
महुआ मोइत्रा की शिक्षा
महुआ मोइत्रा कोलकाता में स्कूल गई और बाद में माउंट होलीक कॉलेज, साउथ हैडली, मैसाचुसेट्स, संयुक्त राज्य अमेरिका से अर्थशास्त्र और गणित में स्नातक किया।
महुआ मोइत्रा का शुरुआती जीवन
महुआ मोइत्रा का शुरुआती जीवन असम और कोलकाता राज्यों में बीता था लेकिन 15 साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गईं | इसके बाद मोइत्रा ने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और न्यूयॉर्क में बैंकर की नौकरी करना शुरू कर दिया। उन्होंने न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज के लिए, एक निवेश बैंकर के रूप में काम किया था।
महुआ मोइत्रा का राजनीतिक करियर
महुआ मोइत्रा ने भारतीय राजनीति में प्रवेश करने के लिए 2009 में लंदन में जेपी मॉर्गन चेज में उपाध्यक्ष का अपना पद छोड़ दिया। इसके बाद, वह भारतीय युवा कांग्रेस में शामिल हो गईं, जहां वह “आम आदमी का सिपाही” परियोजना में राहुल गांधी की भरोसेमंदों में से एक थीं । 2010 में, वह तृणमूल कांग्रेस पार्टी में चली गईं।
वह 2016 में हुए विधान सभा चुनावों में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के करीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गईं. 2019 आम चुनावों में वह कृष्णानगर से 17वीं लोकसभा के लिए संसद सदस्य के रूप में चुनी गई। 13 नवंबर 2021 को, उन्हें 2022 गोवा विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी पार्टी के गोवा प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया।
महुआ मोइत्रा एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार से है। उनकी कोलकाता में एक बहुसांस्कृतिक परवरिश हुई, उनके पड़ोसी पारसी थे और उन्होंने उनके साथ नॉरूज़ मनाया। वह डेनमार्क में रही, उसके पूर्व पति डेनिश फाइनेंसर लार्स ब्रोरसन थे।