जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को 4 कर्मचारियों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए बर्खास्त कर दिया है.
जम्मू : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को अपने चार कर्मचारियों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए बर्खास्त कर दिया है। संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) का उपयोग करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक पुलिस कांस्टेबल, एक प्रयोगशाला प्रभारी, एक शिक्षक और चिकित्सा के एक सहायक प्रोफेसर को बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में डॉक्टर निसार-उल-हसन डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (डीएके) के अध्यक्ष, शलाम राथर (उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला प्रभारी), अब्दुल मजीद भट (कांस्टेबल) और फारुख अहमद मीर (शिक्षक) शामिल है।
2022 में शुरू हुई थी प्रक्रिया
अधिकारियों ने बताया कि इन सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी उन ताकतों के साथ उनकी संलिप्तता का पता लगाती है, जो दुर्भावनापूर्ण प्रचार फैलाकर भारत के खिलाफ काम करते हैं। हालांकि सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर में 2022 में शुरू हुई थी, जब यूटी सरकार ने एक समिति को सरकारी कर्मचारियों की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों की जांच करने का अधिकार दिया था। समिति को ऐसे कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया था।
ऐसे और भी कर्मचारी होंगे बाहर
बता दें कि पहले भी कई सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है और आगे भी प्रदेश के प्रशासन ने उन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है जिनके प्रति उन्हे शक है कि वे आतंक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है।
100 से अधिक कर्मचारियों पर गिरी गाज
गौरतलब है कि इसके लिए वर्ष 2018 के बाद भर्ती हुए सभी कर्मचारियों और अफसरों की सीआईडी जांच का निर्देश दिया गया था , उनके परिणाम भी आने शुरु हो गए हैं और इसके आधार पर 100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला जा चुका है।