अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है वही विपक्ष भी सरकार के ऊपर हमलावर है, आज मुख्य आर्थिक सलाहकर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर का बनाने के रोडमैप पर चर्चा की और कहा कि सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों का असर दिख रहा है।
इसी वार्ता में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रही, दरअसल जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है।
निर्मला जी ने बोला की सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार करने और निवेश बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका असर दिखाई दे रहा है। देश में निवेश बढ़ रहा है।
वही मुख्य आर्थिक सलाहकर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर का बनाने के रोडमैप पर चर्चा की , उन्होंने बोला की एनबीएफसी तथा एचएफसी के लिए पार्शल क्रेडिट गारंटी स्कीम लाई गई है। सरकार ने पीएसयू का 61,000 रुपये तक का बकाया चुकता किया है।
उन्होंने कहा, ‘कारोबार में लगातार उदारीकरण को बढ़ावा दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप साल 2019 में 35 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार तमाम सरकारी बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए, ताकि लोग बैंकों से कर्ज लेने को उत्साहित हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।