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JNU में खूनी खेल का गुनेहगार कौन ? क्या है सच्चाई !

By RNI Hindi Desk 
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर देश की राजनीति का केंद्र बन गया है और 5 जनवरी को हुई खूनी हिंसा के बाद अब यह सवाल खड़े होने लगे है आखिर इस हिंसा के पीछे किसका हाथ था ?

दिल्ली में हुई घटना के बाद देश की राजधानी से लेकर मुंबई तक प्रदर्शन होने लगते है और उस भीड़ में ” फ्री कश्मीर ” के पोस्टर लहराये जाते है, तो आखिर क्या है इस अजेंडे के पीछे की सच्चाई, आखिर कौन है वो लोग जो इस देश की यूनिवर्सिटी के छात्रों को अपनी राजनीति का हथियार बना रहे है।

आखिर ये हिंसा क्यों हुई है ?

दरअसल इस हिंसा का बीज 3 जनवरी को ही पड़ गया था जब कुछ नकाबपोश लुटेरों ने दोपहर 1 बजे ही सर्वर रूम पर कब्ज़ा कर लिया ताकि सेमेस्टर के एग्जाम की प्रक्रिया ना हो सके, हालत इस कदर बिगड़ गये की इस प्रोसेस को रोकना पड़ा, अब 5 जनवरी को ऐसा क्या हुआ की हिंसा भड़क उठी ?

दरअसल 5 जनवरी को ABVP और कुछ छात्रों ने इस प्रोसेस को शुरू करने की मांग की लेकिन लेफ्ट विंग के लोगो ने सर्वर काट दिया और आरोप यह भी लगाया गया की उन्होंने इंटरनेट सेवा बंद कर दी लेकिन मैन्युअल प्रोसेस करने की बात पर विवाद भड़का और हिंसा भड़क उठी।

इस पूरी हिंसा के पीछे का सच जानिये –

ABVP का कहना है की हिंसा लेफ्ट विंग ने दिन के उजाले में की लेकिन वीडियो शेयर किये गए है रात वाले, इस बात की पुष्टि करने के लिए उन्होंने एक वीडियो जारी किया, इस वीडियो में दिखाया गया है की जेएनयूएसयू की वर्तमान अध्यक्ष आइशी घोष शाम 5:37 बजे नक़ाबपोश छात्रों के समूह के साथ दिखाई देती है और वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है की वो छात्रों को निर्देश दे रही है जबकि रात के वीडियो में यह दिखाई देता है की उनका सर लहूलुहान है। ये दोनों वीडियो किसी गहरी साजिश की और इशारा कर रहे है।

ABVP का कहना है की इस हमले में 25 से ज्यादा कार्यकर्ता को गंभीर चोट पहुंची. हमले में ABVP के सचिव (JNU) मनीष जांगिड़ का हाथ टूट गया है. मनीष का आरोप है की आइशी घोष के नेतृत्व में कुछ नकाबपोश गुंडों में उन पर हमला किया और उन्हें घायल किया।

इसके अलावा उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमे यह साफ़ दिखाई दे रहा है की कैसे लेफ्ट के लोग ABVP के छात्र को दौड़ा दौड़ा कर मार रहे है। निधि ने यह वीडियो पोस्ट किया है।

अब ABVP के नज़रिये से इन सब बातो को समझा जाये तो सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है की वर्तमान अध्यक्ष आइशी घोष अगर हिंसा के पीछे ABVP को ज़िम्मेदार बता रही है तो वीडियो में वो नकाबपोश छात्रों के साथ क्या कर रही थी ?

इससे भी बड़ा सवाल यह खड़ा होता है की अगर आइशी को सच में किसी एबीवीपी वाले ने पीटा है तो फिर उसका कोई वीडियो और फोटो क्यों नहीं है? आइशी ने ही यह दावा किया था कि जब उन पर हमला हुआ, तब वहाँ उनके कई साथी मौजूद थे।

सिर्फ इतना ही नहीं इन सबके अलावा एक वीडियो और वायरल हुआ है जिसमे गीता कुमारी जो की 2017 में JNUSU की प्रेजिडेंट थी उनको हॉस्टल में नकाबपोश लोगो के साथ बातचीत करते हुए देखी जा सकती है, इस वीडियो को आप ध्यान से अगर सुनेगे तो एक आदमी उनसे कह रहा है की जो भी करना है वो 100 मीटर दूर रहकर करे।

इस वीडियो में वह साफ़ योजंना बनाते हुए दिखाई दे रही है उन्ही लोगो के साथ जिन्होंने ABVP के लोगो की पिटाई की। इससे पहले भी गीता पर कैंपस में कई बार हंगामा करने का आरोप लगा है. प्रोफेसर उमेश कदम के दफ्तर में घुसकर वो हंगामा कर चुकी है वही गीता और उनके साथियों पर वीसी को गाली देने का भी आरोप है।

इसके अलावा एक वीडियो में AISA एक्टिविस्ट जो की रेड स्कार्फ में है वो वीडियो में छात्र को नामांकन प्रक्रिया में भाग लेने से रोक रही है। इस पुरे प्रकरण में जो भी हुआ है उससे एक साजिश की बू आ रही है और वो इसलिये क्यूंकि हिंसा का आरोप बीजेपी और आरएसएस पर लगाया गया है जबकि आरएसएस इस यूनिवर्सिटी की चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेती ही नहीं है।