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एक बार फिर गूगल और फेसबुक पर लगा तगड़ा जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला; इससे पहले भी कई बार लग चुका है जुर्माना

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : प्रतिबंधित सामग्री को हटाने में विफल रहने की वजह से रुस में मॉस्को की एक अदालत ने गूगल (Google) और फेसबुक (Facebook) पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। जिससे एक बार फिर दोनों को बड़ा झटका लग सकता है। आपको बता दें कि अदालत ने शुक्रवार को गूगल पर लगभग 10 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया। इसी तरह फेसबुक की मूल कंपनी मेटा (Meta) पर भी 2.72 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा है। इस फैसले की वजह से रूस की टेक कंपनियों पर दबाव बढ़ता दिख रहा है।

इस अदालत ने लगाया जुर्माना

आपको बता दें कि इस मामले का फैसला टैगांस्की जिला अदालत ने सुनाया है। अदालत ने कहा कि गूगल ने बार-बार प्रतिबंधित सामग्री को हटाने के निर्देश की उपेक्षा की। इसलिए कंपनी को लगभग 7.2 अरब रूबल (लगभग 9.84 करोड़ डॉलर) का जुर्माना देने का आदेश दिया गया। शुक्रवार को ही बाद में, अदालत ने मेटा पर भी प्रतिबंधित सामग्री को हटाने में विफल रहने के लिए 1.9 अरब रूबल (2.72 करोड़ डॉलर) का जुर्माना लगाया।

गूगल ने क्या कहा

गूगल ने कहा है कि वह अदालत के आदेश का अध्ययन करेगा। उसके बाद ही वह अपने अगले कदम पर फैसला करेगा। उल्लेखनीय है कि रूसी अधिकारियों ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग, हथियारों और विस्फोटकों से संबंधित सामग्री को हटाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार दबाव बढ़ाया है।

टेक कंपनियों को दोषी ठहराया

इस साल की शुरुआत में ही रूसी अधिकारियों ने जेल में बंद रूस सरकार के आलोचक एलेक्सी नवलनी के समर्थन में विरोध के बारे में घोषणाओं को नहीं हटाने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों को दोषी ठहराया था। रूसी अदालतें इस साल गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर छोटे जुर्माना लगा चुकी हैं।

ब्रिटेन के कम्पीटिशन रेगुलेटर ने अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गज द्वारा GIF प्लेटफॉर्म Giphy की खरीद में अपनी जांच के दौरान लगाए गए आदेश का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक पर GBP 50.5 मिलियन (लगभग 520 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। बुधवार को AFP ने इसकी जानकारी दी।

साल 2018 में गूगल पर लगा सबसे बड़ा जुर्माना

यूरोपीय यूनियन ने गूगल पर रिकॉर्ड 4.3 अरब यूरो (लगभग 344 अरब रुपये) का जुर्माना लगाया है। यूरोपीय आयोग ने यह फ़ैसला उस दावे की जांच के बाद दिया जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि अमरीकी कंपनी गूगल ने अपने मोबाइल डिवाइस रणनीति के तहत गूगल सर्च इंजन को ग़लत तरीके से और अधिक ताक़तवर बनाया।

बता दें कि इससे पहले कॉम्पिटीशन कमिश्नर मार्गरेट वैस्टेजर ने पहले भी ‘शॉपिंग कॉम्पैरिज़न सर्विस’ के मामले में गूगल पर 2.4 अरब यूरो का जुर्माना लगाया था। गूगल ने उस आदेश के ख़िलाफ़ अपील की थी, जिस पर सुनवाई अभी भी चल रही है।

साल 2017 में लगा जुर्माना

यूरोपीय यूनियन के आयोग ने गूगल पर करीब 17 हज़ार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग का कहना है कि गूगल ने अपनी शक्तियों का ग़लत इस्तेमाल करके सर्च नतीजों में अपनी ख़रीदारी सेवा का ज़्यादा प्रचार किया। बाज़ार में तोड़-मरोड़ करने के आरोप में किसी कंपनी पर लगाया गया यह सबसे बड़ा जुर्माना है.

फेसबुक पर साल 2019 में लगा जुर्माना

अमेरिकी नियामकों ने सोशल नेटवर्क साइट फेसबुक पर सूचनाओं की निजता संबंधी कानून के उल्लंघन और झूठ बोलने के आरोप में पांच अरब डॉलर यानी 34 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसी के साथ कंपनी के कारोबार परिचालन पर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और उसे अपने लिए एक संशोधित कारपोरेट ढांचे की रुपरेखा सौंपने को कहा गया है।

कैंब्रिज एनालिटिका मामले में भी लगा है जुर्माना

इसके अलावा कैंब्रिज एनालिटिका डाटा चोरी मामले की जांच में शेयर बाजार नियामक के साथ अलग से हुए समझौते में फेसबुक 10 करोड़ डॉलर का जुर्माना अदा करने पर सहमत हुआ है। उस पर यह जुर्माना फेसबुक के उपयोक्ता आंकड़ों के दुरुपयोग के जोखिम से जुड़ी गलत जानकारी देने के लिए लगाया गया है।

साल 2021 में लगा जुर्माना

ब्रिटेन के कम्पीटिशन रेगुलेटर ने अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गज द्वारा GIF प्लेटफॉर्म Giphy की खरीद में अपनी जांच के दौरान लगाए गए आदेश का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक पर GBP 50.5 मिलियन (लगभग 520 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। बुधवार को AFP ने इसकी जानकारी दी।