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बाबासाहब का महा परिनिर्वाण दिवस तथा राष्ट्रीय बौद्ध महासभा का द्वितीय अधिवेशन जयपुर में संपन्न।

By RNI Hindi Desk 
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खुर्शीद रब्बानी
जयपुर: डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी द्वारा जयपुर के रमाबाई हॉल में आयोजित भारत रत्न डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर के 65 वां महा परिनिर्वान दिवस पर बाबा साहब को स्मरण कर उनको श्रद्धांजलि पेश की गई तथा राष्ट्रीय बौद्ध महासभा का द्वितीय अधिवेशन संपन्न हुआ जिसमे दलित, एस सी, एस टी, ओ बी सी, माइनोरिटी के बुद्धिजीवियों ने भाग लिया, सर्वप्रथम बाबा साहब के 65वें महा परिनिर्वान दिवस पर पुष्प अर्पित किए गए।और बौद्ध दर्शन को सामने रखा गया। वक्ताओं ने बाबा साहब को स्मरण किया और उनके मूल मंत्र “शिक्षित बनो,संगठित रहो,संघर्ष करो” पर बात की साथ ही बाबा साहब के जीवन दर्शन को प्रस्तुत किया।

राष्ट्रीय बौद्ध महासभा पूरे भारत में तथागत बुद्ध के धर्म का प्रचार प्रसार कर भारत के मूल निवासियों (एस.सी. एस.टी., ओ.बी.सी) को बौद्ध धर्म से जोड़ने का कार्य कर रही है। इसी उपलक्ष्य में राजस्थान प्रदेश ईकाई की सभा रविवार को सम्पन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता धर्म प्रकाश जी भारती राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय बौद्ध महासभा आगरा ने की तथा मुख्य अतिथि बौद्धाचार्य, अब्दुल लतीफ आरको, तारा राम मीना रहे,कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मावलम्बी पधारे और अपने विचार रखे,वर्क के सैयद असगर अली ने चिंतन और मनन करने की अपील की और महात्मा बौद्ध का कथन बारम्बार दोहराया की “में अंतिम बौद्ध नही हूं,में कुछ सौ लोगों का बौद्ध हूं,मेरे बाद अंतिम बौद्ध आएगा,जिसका नाम मैत्री होगा,वो हज़ारों लोगों का बौद्ध होगा और वो अपने तेज से संसार को रौशन कर देगा”

कार्यक्रम में राजकुमार मलहौत्रा ने अखबार निकलने पर बल दिया।अब्दुल लतीफ आरको ने बताया कि हमने अपने मन में कई बुत बना रखे हैं और दानव हमें इस और सोचने नही देता की हम उक्त बुतों को दिल से निकालें।

कार्यक्रम के अंत में निवेदक भंवरसिंह भियावत,सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारी व प्रदेश प्रभारी राजस्थान राष्ट्रीय बोध महासभा ने सबका शुक्रिया अदा किया।