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बिक्रम ने छोड़ी मजीठा सीट, कहा सिद्धू को मुफ्त में हंसना सिखाएंगे!

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट: खुशी पाल

पंजाब(Punjab) के शिअद संयुक्त(Shiromani Akali Dal) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, जैसा की आप सब जानते है पंजाब में नामांकन भरना की अंतिम तिथि कल थी आज से नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसी मौके पर पंजाब के शिअद पार्टी के वरिष्ट नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia)ने बड़ा फैसला लिया है।

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मजीठी से नामांकन वापस लिया

पीछले कुछ दिनों से सिद्धू और मजीठिया के बीच काफी वाद-विवाद चल रहें थे। विवाद का मुद्दा मजीठिया का दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना था। पीछले काफी दिनों से सिद्धू मजीठिया को चुनौतियां दें रहें थे कि अगर साहस है तो केवल एक हलके से चुनाव लड़े। उनकी इस चुनौती का उत्तर देते हुए मजीठिया ने मजीठा से अपना नामांकन वापस ले लिया है। हालांकि ऐसा हो सकता है कि ये फैसला उन्हें बाद में भारी पड़े। माना जा रहा है कि मजीठिया ने भावुक होकर ये बड़ा फैसला लिया है।

केवल अमृतसर ने लड़ेंगे चुनाव

शिअद नेता बिक्रम मजीठिया ने आखिरकार मजीठा से अपनी दावेदारी वापस ले ही ली। अब वे सिर्फ अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ेंगे। यहां उनका सीधा मुकाबला सिद्धू से होगा। लेकिन इसके अलावा पता चला है कि मजीठिया के बदले उनकी पत्नी मजीठा से चुनाव लड़ रहीं हैं। उनकी पत्नी गनी मजीठिया ने मजीठा से पर्चा दाखिल किया है। मजीठिया ने सिद्धू को जवाब देता हुए कहा कि अब वह अहंकारी नवजोत सिद्धू के खिलाफ पूर्वी हलके से ही चुनाव लड़ेंगे।

मजीठिया का बयान

मीडिया से बातचीत करते वक्त मजीठिया ने अपना बयान जारी किया और कहा कि जब उन्होंने मजीठा से चुनाव लड़ा था तो इसी को अपना परिवार माना था… उन्होंने नम आंखों से कहा कि अहंकारी सिद्धू का घमंड तोड़ने के लिए उन्हें पूर्वी हलके से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लेना पड़ा… सिद्धू के साथ हंसते हुए अपनी एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए कहा कि अब वह सिद्धू को दिल से हंसना सिखाएंगे।

मुफ्त में हसाएंगे सिद्धू को: मजीठिया

मजीठिया ने सिद्धू पर तंज कसते हुए कहा कि सिद्धू लाफ्टर चैलेंज शो में हंसने के पैसे लेता है लेकिन अब वे उन्हें मुफ्त में हंसना सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि वह (मजीठिया)पूर्वी हलके के लोगों को मजीठा हलके के लोगों की तरह दिल से प्यार करेंगे और ऐसी विकास की तस्वीर पेश करेंगे, जो पिछले 18 सालों से नहीं हुआ। सिद्धू को सिर्फ लड़ना आता है और लोगों के सामने झूठ का नमूना पेश किया।