1. हिन्दी समाचार
  2. जरूर पढ़े
  3. मजेंटा लाइन के बाद आज से इस रूट पर शुरू हुई ड्राइवरलेस मेट्रो, भारत दुनिया के इस ग्रुप में हुआ शामिल

मजेंटा लाइन के बाद आज से इस रूट पर शुरू हुई ड्राइवरलेस मेट्रो, भारत दुनिया के इस ग्रुप में हुआ शामिल

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

नई दिल्‍ली : मजेंटा लाइन के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ओर से पिंक लाइन पर पहली बार ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू किया जा रहा है। पिंक लाइन के मजलिस पार्क से शिव विहार तक के 59 किलोमीटर लंबे रूट पर ये मेट्रो संचालित की जाएगी।

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्‍ली वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से मेट्रो की ड्राइवरलेस ट्रेन (DTO) का शुभारंभ किया। इस रूट पर चलाई जा रही इस मेट्रो के बाद दिल्ली मेट्रो का पूरी तरह से स्वचालित नेटवर्क बढ़कर लगभग 97 किमी हो गया है जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा और भारत में एकमात्र डीटीओ नेटवर्क है।

मजेंटा लाइन पर डीटीओ सुविधा साल 2020 में शुरू की गई थी, जिसके साथ दिल्ली मेट्रो ने दुनिया के 7% मेट्रो की एक ऐसे एलीट ग्रुप में शामिल हुआ था जो पूरी तरह से स्वचालित मेट्रो नेटवर्क संचालित करते हैं। डीएमआरसी का नेटवर्क वर्तमान में 286 स्टेशनों के साथ करीब 392 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर और रेपिड मेट्रो, गुड़गांव भी शामिल है।

इस बारे में डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह ने कहा कि ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन, ट्रेन परिचालन में अधिक लचीलापन लाएगा और मानवीय हस्तक्षेप और मानवीय कमियों को कम करेगा। यह कोचों की उपलब्धता में सुधार करने में भी मदद करेगा। ड्राइवरलेस ट्रेनें इंडक्शन से पहले की गई चेकिंग की मैन्युअल प्रक्रिया को खत्म कर देंगी। इसके बाद ट्रेन ऑपरेटरों पर बोझ कम हो जाएगा। डिपो में स्टेबलिंग लाइन पर पार्किंग भी अपने आप हो जाएगी।

डीएमआरसी ने यात्री सेवा के लिए कोचों की बढ़ती उपलब्धता से मजेंटा लाइन पर अपनी ड्राइवरलेस परिचालन सेवा का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। हर रोज यात्री सेवा में शामिल होने से पहले किए गए संपूर्ण सेल्फ टेस्ट के कारण ट्रेनों की विश्वसनीयता भी कई गुना बढ़ गई है, जिससे मानवीय कमी की सभी संभावनाएं खुद ही समाप्त हो जाती हैं। ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन के तहत लंबे नेटवर्क के साथ लाभ और बढ़ेगा।

डीटीओ में शुरुआत में ट्रेन ऑपरेटर सहायता और आत्मविश्वास की भावना पैदा करने के लिए ट्रेन में मौजूद रहेगा। डीटीओ की उच्चस्तरीय डायगनोस्टिक ​​विशेषताएं पारंपरिक समय आधारित मेन्टेनेंस से स्थिति आधारित मेन्टेनेंस की ओर बढ़ने में मदद करेगी। इससे ट्रेनों का मेन्टेनेंस डाउन टाइम भी कम होगा। फेज-4 के पूरा होने के बाद, जब पिंक और मजेंटा लाइन के विस्तार के साथ-साथ एरोसिटी-तुगलकाबाद सिल्वर लाइन पर ड्राइवरलेस परिचालन शुरु होने पर डीएमआरसी 160 कि.मी. डीटीओ युक्त कॉरिडोर के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा।