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Share market खुलते ही मचा बवाल सेंसेक्स में गिरावट 1000 अंक, पढ़ें पुरी खबर

By RNI Hindi Desk 
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रिर्पोट- अतुल विश्वकर्मा

Share Market Update: शेयर मार्केट में पिछले कुछ दिनों से जारी बिकवाली रुकने का नाम नहीं ले रही है. फेडरल रिजर्व के हिंट के बाद गुरुवार को बाजार खुलते ही हाहाकार मच गया. जैसे ही ट्रेड के लिए सेशन ओपन हुआ, सेंसेक्स 1000 अंक नीचे आ गया.

 

प्री-ओपन सेशन से ही इस बात के संकेत मिल रहे थे कि बाजार में बड़ीगिरावट आ सकती है. जैसे ही सेशन ओपन हुआ बीएसई सेंसेक्स 996.23 अंक गिरकर 57 हजार के स्तर से नीचे आ गया. एनएसई निफ्टी भी इसी तर्ज पर 1.5 फीसदी से ज्यादा गिरकर 17 हजार के पास आ गया. आज दिन के कारोबार में बाजार में भारी उथल-पुथल रहने की आशंका है.

 

इससे पहले लगातार 5 दिन की गिरावट के बाद मंगलवार को बाजार को थोड़ी राहत मिल पाई थी. मंगलवार को भी शुरुआती कारोबार में 1000 अंक से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि बाजार बाद में वापसी करने में कामयाब  रहा था. पिछले सेशन में कारोबार बंद होने पर सेंसेक्स 366.64 अंक (0.64 फीसदी) की बढ़त के साथ 57,858.15 अंक पर बंद हुआ था. एनएसई निफ्टी में 118.30 अंकअंक (0.69 फीसदी) की तेजी रही थी और यह 17,267.40 अंक पर रहा था. बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवकाश के चलते बाजार बंद था.

इस सप्ताह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की अहम बैठक बुधवार को समाप्त हुई. दो दिनों की इस बैठक में फेडरल रिजर्व ने मार्च में ब्याज दरें बढ़ाने का  फैसला लिया. इसका ऐलान होते ही दुनिया भर के बाजारों में बिकवाली होने लगी. बुधवार को अमेरिकी बाजारों ने इस फैसले के बाद शुरुआती तेजी खो दी और नुकसान  के साथ बंद हुए. आज सारे एशियाई बाजार गिरावट में हैं. भारतीय शेयर बाजार पर भी इस फैसले का असर देखने को मिल रहा था. हालांकि फेड का ऐलान अप्रत्याशित नहीं है. लगभग सारे एनालिस्ट यह मान कर चल रहे थे कि अब फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ाने की राह पर चलने वाला है.

 

बाजार में बिकवाली का ऐसा प्रेशर है किबीएसई पर सारे सेक्टर रेड में हैं. आईटी और टेक शेयरों पर ज्यादा ही दबाव देखने को मिल रहा है. इन दोनों सेक्टरों के इंडेक्स शुरुआती कारोबार में ही 2 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गए. सेंसेक्स में 1 मारुति सुजुकी को छोड़ बाकी के सारे 29 शेयर नुकसान में चल रहे हैं. अमेरिका में ब्याज दर बढ़ाए जाने पर अमूमन ग्लोबल इन्वेस्टर शेयर मार्केट से पैसे निकालने लगते हैं. इसके अलावा यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिमी देशों की बढ़ी तनातनी से भी नकारात्मक असर पड़ रहा है.