बीते सप्ताह देशभर के तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी तेल-तिलहनों की कीमतों में सुधार दिखा जबकि तेल रहित खल (डीओसी) की मांग कमजोर होने और आयात सस्ता बैठने से सोयाबीन तेल-तिलहन के भाव में नुकसान दर्ज किया गया।
सूत्रों ने कहा कि सरसों की उपलब्धता काफी कम रह गई है। सप्ताह के दौरान कोटा, सलोनी वालों ने सरसों का दाम 8,250 रुपये से बढ़ाकर लगभग 8,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
देश में 5-7 हजार की संख्या में सरसों की छोटी पेराई मिलें हैं और ये मिलें खुदरा ग्राहकों को माल बेचती हैं। इनकी प्रति मिल औसत दैनिक मांग पांच से 15 बोरी के लगभग है।
सरसों खल की मांग होने से इसके दाम में पिछले सप्ताह कुल 150 रुपये क्विंटल की वृद्धि हुई है। उपलब्धता कम होने के साथ मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार है।
सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 225 रुपये सुधरकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 16,850 रुपये क्विंटल हो गया। वहीं, सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमत क्रमश: 30-30 रुपये सुधरकर क्रमश: 2,520-2,645 रुपये और 2,700-2,815 रुपये प्रति टिन हो गईं।