1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखंड
  3. सरकार में भाजपा नेताओं को संगठन के साथ राय-मशविरा करने के बाद ही दायित्व बांटे जाएंगे: सीएम पुष्कर सिंह धामी

सरकार में भाजपा नेताओं को संगठन के साथ राय-मशविरा करने के बाद ही दायित्व बांटे जाएंगे: सीएम पुष्कर सिंह धामी

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया था। उत्तराखंड की राजनीति को करीब से जानने वाले लोग तो पुष्कर सिंह धामी के नाम से अच्छी तरह से वाकिफ है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों के लोग शायद पुष्कर सिंह धामी के बारे में ज्यादा हीं जानते हैं।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया था। उत्तराखंड की राजनीति को करीब से जानने वाले लोग तो पुष्कर सिंह धामी के नाम से अच्छी तरह से वाकिफ है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों के लोग शायद पुष्कर सिंह धामी के बारे में ज्यादा हीं जानते हैं।

पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में भाजपा के कद्दावर नेताओं में से एक है। पुष्कर सिंह धामी साल 2017 में खटीमा से विधायक चुने गए थे है। पुष्कर सिंह धामी दो बार खटीमा से विधायक रह चुके है। सके अलावा पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं।

पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ के टुण्डी गांव में हुआ था। पुष्कर सिंह धामी के पिता का नाम स्वर्गीय सेवानिवृत्त सूबेदार शेर सिंह धामी है। पुष्कर सिंह धामी की माता का नाम श्रीमती विश्ना देवी है। पुष्कर सिंह धामी की पत्नी का नाम श्रीमती गीता धामी है।
पुष्कर सिंह धामी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। इसके अलावा पुष्कर सिंह धामी साल 2010 से 2012 तक शहरी विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे। पुष्कर सिंह धामी पहली बार साल 2012 में खटीमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधायक बने। इसके बाद साल 2017 में एक बार फिर वह खटीमा से विधायक बने।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार में भाजपा नेताओं को संगठन के साथ राय-मशविरा करने के बाद ही दायित्व बांटे जाएंगे। गैरसैंण को लेकर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं। गैरसैंण के विकास में किसी चीज की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने हालांकि सीधा जवाब नहीं दिया पर कहा कि संगठन में पुराने कार्यकर्ता हैं, उनको सम्मान मिले, इस पर संगठन के साथ चर्चा की जाएगी। यह एक पूरी प्रक्रिया है, इसके बाद ही दायित्व सौंपे जाएंगे।

गैरसैंण के सवाल पर धामी बोले कि यह प्रदेशवासियों की भावना से जुड़ा मुद्दा है। पूर्व में भाजपा सरकार गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर चुकी है। वहां के बुनियादी विकास को बजट में 22 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा चुकी है। साथ ही सभी विभागों को वहां अवस्थापना विकास सुविधाएं जुटाने के लिए कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए हैं।

धामी ने कहा, गैरसैंण के विकास की पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत की परिकल्पना को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता अपने संकल्पों को पूरा करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीती पांच नवंबर को केदारनाथ धाम में कह चुके हैं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा।

नौ नवंबर, 2025 को जब उत्तराखंड अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तो वह निश्चित ही सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शुमार होगा। उन्होंने कहा कि कॉमन सिविल कोड लागू होने के बाद उत्तराखंड में सभी के लिए समान कानून होगा। अभी कमेटी सभी हितधारकों से वार्ता कर इसका ड्राफ्ट तैयार कर रही है।

धामी ने कहा कि उत्तराखंड में सख्त भू-कानून को लेकर कमेटी बनाई गई है। इसमें तराई-पर्वतीय क्षेत्रों दोनों में समन्वय रखा जाएगा, ताकि इस कानून की वजह से कोई प्रभावित न हो।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...