पहाड़ो में हुई बर्फवारी के बाद तराई में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है ठंड का असर अब भगवानों में भी देखने को मिल रहा है। उधम सिंह नगर के कई मंदिरों में भगवान को सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाए गए हैं। यही नहीं मंदिरों में भगवान के लिए हीटर भी जलाए गए हैं।
उत्तर भारत मे पड़ रही कड़ाके की ठंड से जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है, ठंड के कारण लोग घरों से बाहर निकलना प्रसन्द नही कर रहे। मैदानी क्षेत्रों में सर्दी पूरे शवाब पर आ चुकी है। जिसका असर सिर्फ आम इंसान ही नहीं ,बल्कि जीव जन्तु , पेड-पौधें सभी पर दिखाई देने लगा है। अब ठंड का असर दुनिया बनाने वाले भगवान में भी दिखाई देने लगा है। किच्छा के मारवाड़ी धर्मशाला मंदिर ओर लालपुर स्थित साई मंदिर मे भगवान को ठण्डे से बचने के लिए मंदिर कमेटी ओर श्रद्धालुओं ने गर्म कपडो के साथ मंदिर में भगवान के लिए हीटर का खास इंतजाम किया गया है। ताकि ठंड से भगवान को भी बचाया जा सके।
वैसे तो भगवान को ठण्ड और गर्मी का कोई असर नही होता है। लेकिन श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते भगवान को मौसम के हिसाब से वस्त्र पहनाए जाते हैं। अगर अधिक गर्मी होती है। तो सूती वस्त्र का पतला सफेद रंग का वस्त्र पहनाया जाता है और ठण्डा भोजन का भोग लगाया जाता है। अगर ठंड ज्यादा होती है, तो भगवान को गर्म कपड़े स्वेटर आदि धारण कराए जाते हैं। अगर सर्दी और भी ज्यादा होती है तो उनको मोटे कंबल ओर गर्म भोजन का भोग लगाया जाता है।
ठंड ज्यादा होने के कारण जंगली जानवरो को भी इससे बचने के लिए आग का सहारा लेना पड़ रहा है। ऊधम सिंह नगर के किच्छा क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है जिसमे एक बंदर आग के पास बैठा हुआ है और ठंड से बचने के लिये आग का सहारा लेता नजर आ रहा है।
फाइनल वीओ-तराई के क्षेत्रों में ठंड ने किस तरह से कोहराम मचाया हुआ है। इसकी झलक मंदिरों में भी देखने को मिल रही है। मनुष्य के साथ साथ अब भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ों का खास इंतजाम किया गया है अब इसे भक्ति कहे ये अंधविश्वास।
(रिपोर्ट-दीपक कुकरेजा)