आपने कई online कारोबार के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन आपने कभी नशे के ऑनलाइन कारोबार में सुना है, जी हां ये बात सच है कि अल्मोगड़ा जेल से चल रहा है नशे का काला कारोबार, जहा जेल में बंद दो कुख्याहत अपराधी बहुत ही शातिराना ढंग से पूरा कारोबार चला रहे थे।
रिपोर्ट:पायल जोशी
आपने कई online कारोबार के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन आपने कभी नशे के ऑनलाइन कारोबार में सुना है, जी हां ये बात सच है कि अल्मोगड़ा जेल से चल रहा है नशे का काला कारोबार, जहा जेल में बंद दो कुख्याहत अपराधी बहुत ही शातिराना ढंग से पूरा कारोबार चला रहे थे।
बता दें कि कुख्यात महिपाल और अंकित जो इस समय आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे है वहीं जेल के अंदर से पूरे नशे का कारोबार चला रहे है, और बाहर से बीटेक और ला किए हुए अपराधी इस काले कारोबार को फैला रहे हैं। जबि और इसी मामले में पकड़ी गई एक महिला पर ऋषिकेश थाने में 17 मामले दर्ज हैं।
एसटीएफ की टीम के ने बीते मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई जेल के बाहर पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमे से पकड़े गए दीपक तिवारी जो प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से बीटेक का छात्र है, दूसरा भाष्कर नेगी जो नामी कालेज से लॉ ग्रेजुएट कर रहा है। बता दें कि ऋषिकेश क्षेत्र से गिरफ्तार की गयी महिला संतोष के विरुद्ध थाना ऋषिकेश में अब तक आबकारी एक्ट, गुण्डा एक्ट और एनडीपीएस के 17 मामले दर्ज है। वहीं नारकोटिक्स खेल के मास्टर माइंड महिपाल और अंकित बिष्ट अल्मोड़ा जेल के अंदर से पूरा रैकेट संचालित कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने तीन आरोपितों की धरपकड़ तेज कर दी है, जिनमे से बस कंडक्टर अजय कुमार गुप्ता पुत्र मतरु लाल निवासी बरेली उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। दूसरी और महिला जो अल्मोड़ा जेल में बंद महिपाल से फोन के माध्यम से संपर्क में थी। तीसरा आरोपित भूपेंद्र सिंह उर्फ भूप्पी ग्राम चौड़ा, जो बागेश्वर का रहने वाला है, जो चरस का मुख्य सप्लायर है। बता दें कि पुलिस ने जल्द ही इन सबकी गिरफ्तारी का दावा किया है।
आपको बता दें कि सभी अपराधी आपस में फोन के माध्यम से संपर्क में रहते थे, जिसके चलते सभी लेन-देन डिजिटल पेमेंट के माध्यम से करते थे। बताया जा रहा है जेल में बंद महिपाल और अंकित बिष्ट सबसे पहले चरस सप्लायर भूपेंद्र उर्फ भूप्पी से बातचीत करते थे, और कितना सामान किसको कहां भेजना है, साथ ही सामान को संबंधित पेडलर को भेजने का दिन, समय, और तरीका तय किया जाता था। फिर यह पेडलर रोडवेज में काम करने वाले कंडक्टर को यह मादक पदार्थ देते थे। इसके बाद अजय कुमार गुप्ता यह सामान संतोष रावत, दीपक तिवारी, भास्कर नेगी और महिला संतोष को देता था। यह लोग छोटे-छोटे टुकड़ों में सामान को बेचते थे। सामान बेचने के बाद मनीष बिष्ट और संतोष अल्मोड़ा जेल में बंद महिपाल की परिचित महिला के एकाउंट में डाल देते थे। यही महिला चरस सप्लायर भूपेंद्र को पैसा विभिन्न माध्यमों से पहुंचाती थी।