हरिद्वार जिले के पथरी क्षेत्र के एथल गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब गुलदार ग्रामीण मजहर के घर में घुस गया। जब चारो तरफ अफरा-तफरी मच गई तब वन विभाग को सूचना दी और सूचना मिलते ही वन विभाग की मौके पर पहुंच गई और किसी तरह से गुलदार को एक कमरे में बंद कर दिया गया।
रिपोर्ट:पायल जोशी
उत्तराखंड: हरिद्वार जिले के पथरी क्षेत्र के एथल गांव में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब गुलदार ग्रामीण मजहर के घर में घुस गया। जब चारो तरफ अफरा-तफरी मच गई तब वन विभाग को सूचना दी और सूचना मिलते ही वन विभाग की मौके पर पहुंच गई और किसी तरह से गुलदार को एक कमरे में बंद कर दिया गया।
वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गुलदार का रेस्क्यू किया। अब उसे चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर ले जाया जा रहा है। उत्तराखंड़ के पहाड़ी जिलों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भी गुलदार के आबादी क्षेत्र में घुसने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में तो गुलदार का इतना आतंक है कि यहां अक्सर गुलदार लोगों को अपना निवाला बना लेते हैं या फिर उन्हें घायल कर देते हैं।
दूसरी और श्रीनगर गढ़वाल के देवलगढ़ क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में भालू का आतंक बना हुआ है। जिसके चलते लगभग पांच दिन पूर्व भटोली निवासी शक्ति सिंह पर इस भालू ने हमला किया था, जिससे उनके सिर पर चोट आई, और आस पास के लोगो ने उन्हे बेस अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया और उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
कहा जा रहा है कि भालू के आतंक से क्षेत्र में जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। वन विभाग से इस भालू को तुरंत पकड़कर अन्यत्र भेजने का अनुरोध उन्होंने किया है। ये भी कहा है के क्षेत्र में घास लेने जाने वाली महिलाएं और स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं में भी डर बना हुआ है, और ये भी कहा है के अगर वन विभाग ने यदि भालू के आतंक से ग्रामीणों को शीघ्र निजात नहीं दिलाई तो कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।