योगी सरकार का पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ा फैसला, पढ़े
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च तक कराने के संकेत प्रदेश की योगी सरकार ने दिए है। साथ ही मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश भी दिए है। तो वहीं, योगी सरकार पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ा फैसला भी लिया है।
इस फैसले के तहत पंचायत चुनाव में अब सांसद, विधायक या मंत्री के परिवार का कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेगा न ही उसे टिकट दिया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
दरअसल, सरकार और संगठन के बीच यह तय हुआ और सभी मंत्रियों वह चाहे कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री हो या फिर स्वतंत्र प्रभार को सीधे तौर पर यह कहा गया है कि अपने क्षेत्र में किसी के घर-परिवार का कोई सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगा न ही उसे टिकट दिया जाएगा।
यह फैसला परिवारवाद को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठन के साथ मिलकर किया है।
बता दें कि सपा-बसपा पर हमेशा परिवारवाद की राजनीति करने के आरोप लगते रहे हैं। यही आरोप अब बीजेपी न लगे, इसलिए बीजेपी ने अपने सभी नेताओं को साफ संदेश देते हुए कहा कि परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। इन चुनावों में किसी भी विधायक-सांसद व मंत्री के घर के व्यक्ति को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा।
खबरों के मुताबिक, पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी। ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास होगी, जबकि 12वीं पास उम्मीदवार ही जिला पंचायत सदस्य का चुना लड़ सकेंगे।
जिला पंचायत के लिए महिला, आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर सरकार में सहमति भी बन चुकी है। इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए बहुत जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है।