रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, सरकार ने सार्वजनिक सड़कों (राजमार्गों सहित), गलियों और फुटपाथों के किनारे एक जनवरी 2011 या इसके बाद हुए धार्मिक निर्माण के हटाने का आदेश दे दिया है। सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक निर्माण से पूरी तरह रोक लगा दी गई है। गृह विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिशा निर्देश जारी कर दिया है। गृह विभाग ने इसकी जिम्मेदारी सभी जिलाधिकारियों को दी है। आदेश में कहा गया है कि सभी जिलाधिकारियों के आदेश का पालन करवाकर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी।
आपको बता दें कि जिलाधिकारी आदेश का पलान करवाकर रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे, जिसके दो महीने के अंदर मुख्य सचिव खुद इसकी समीक्षा करेंगे। इतना ही नहीं शासन द्वारा जारी इस आदेश को प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, एडीजी जोन, पुलिस कमिश्नरों, आईजी, डीआईजी रेंज, डीएम व एसपी को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, एडीजी जोन, पुलिस कमिश्नरों, आईजी, डीआईजी रेंज, डीएम व एसपी को इस संबंध में निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक सड़कों, गलियों, फुटपाथों पर एक जनवरी 2011 से पहले किए धार्मिक निर्माण को संबंधित धर्म के लोगों से बात करके 6 महीने के अंदर स्थानांतरित किया जाए। सहमति न बनने पर भी धार्मिक निर्माण हटाए जाएं और रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।
शासन ने साफ कर दिया है कि 10 जून 2016 या उसके बाद जिलों के संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि सड़कों, गलियों या फुटपाथ वगैरह पर धार्मिक निर्माण के जरिए अतिक्रमण न हो। ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। यह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। साथ ही इसे आपराधिक अवमानना माना जाएगा।