रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने सूबे में सभी महापौर, नगर निगम अध्यक्षों, पार्षदों व सदस्यों को नगरीय प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी गोद लेने के निर्देश दिएं हैं। गोद लिए गये स्वास्थ्य केंद्रों के रखरखाव व उनकी व्यवस्थाओं को जनप्रतिनिधि चुस्त-दुरुस्त करेंगे। सरकार ने इसके लिए जनप्रतिनिधियों को कहा है कि वे स्थानीय निकाय निधि एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि का उपयोग कर सकेंगे।
आपको बता दें कि जनप्रतिनिधि इस काम में स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ले सकेंगे। अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे ने आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक नगर निगमों के अध्यक्ष एवं पार्षद तथा नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अध्यक्ष एवं सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लें। इन स्वास्थ्य केंद्रों की कोरोना संक्रमण सहित अन्य संचारी रोग का संक्रमण रोकने, उपचार करने व टीकाकरण में महत्वपूर्ण भूमिका है।
जारी आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधि गोद लिए हुए स्वास्थ्य केंद्रों का विशेष ख्याल रखेंगे। वे स्वास्थ्य केंद्रों की रंगाई पुताई, पेयजल व्यवस्था, मरीजों व तीमारदारों के बैठने व शेड आदि की व्यवस्था पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही गोद लिए हुए स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन, दवाओं की उपलब्धता, डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की नियमित उपस्थिति पर भी मेयर व पार्षद नजर देखेंगे।
नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच मार्ग की मरम्मत व पुनर्निर्माण के कार्यों को देखेंगे और स्वास्थ्य केंद्रों के आस-पास मार्ग प्रकाश की व्यवस्था कराएंगे। जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में जनसामान्य की सहभागिता व टीकाकरण के लिए जागरूकता कैंप भी लगवाएंगे।
इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि गोद लिए हुए स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण एवं दवाओं की उपलब्धता पर भी नजर रखेंगे। इनकी कमी होने पर स्वैच्छिक दानदाताओं को प्रेरित कर उनसे चिकित्सीय उपकरण एवं दवा की समुचित व्यवस्था कराएंगे।
स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात शिक्षक व कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति की सूचना भी संबंधित जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को भेजेंगे। साथ ही केंद्र में तैनात डाक्टर व कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाते हुए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित करेंगे।