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सरकार से पंगा लेना ट्वीटर को पड़ा भारी, धारा 79 खत्म होने के बाद ट्विटर पर FIR दर्ज करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट: सत्यम दुबे

गाजियाबाद: भारत सरकार फरवरी में इंटरनेट मीडिया के लिए नए नियम जारी किए गए थे। इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को नये नियमों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। नये नियम का पालन करने के लिए सरकार ने 25 मई तक का समय दिया था। भारत सरकार के बार-बार चेतावनी देने के बाद भी ट्वीटर ने इंटरनेट मीडिया के नए नियमों का पालन नहीं किया। जिसके बाद सरकार अब ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई की है।

आपको बता दें कि कानूनी संरक्षण खत्म होते ही उत्तर प्रदेश ट्विटर के खिलाफ फेक न्यूज को लेकर केस दर्ज करने वाला पहला राज्य बन गया है। एक अधिकारी के मुताबिक, 26 मई से ट्विटर को मिली कानूनी छूट खत्म हो चुकी है। सरकार ने पहले ही ट्विटर को यह चेताया था कि अगर उसने नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया तो उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

मंगलवार को ट्विटर ने कहा था कि उसने भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है। जल्द ही अधिकारी का ब्योरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। नए आईटी नियम 25 मई, 2021 से लागू हो चुके हैं, लेकिन ट्विटर ही एक ऐसा अकेला टेक प्लेटफॉर्म है जिसने सरकार की तरफ से कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद इन नियमों का पालन नहीं किया है।

आपको बता दें कि आईटी एक्ट की धारा 79 अभी तक ट्विटर को किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से छूट देती थी। लेकिन  अब यह सुरक्षा खत्म होने के बाद यदि कोई यूजर गैर-कानूनी या भड़काऊ पोस्ट करता है तो इस मामले में ट्विटर से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।

यूपी की गाजियाबाद जिले में पुलिस ने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता का वीडियो वायरल होने के बाद 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसमें से एक ट्विटर इंडिया भी है। इन सभी पर घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह ऐक्शन लिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई।

इस मामले में गाजियाबाद पुलिस की मानें तो, ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया। पुलिस के मुताबिक इस मामले की सच्चाई कुछ और है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। लेकिन ट्विटर ने इस वीडियो को मैन्युप्युलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।

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