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अनोखी बारात! पालकी से दुलहन के घर पहुंचा दूल्हा, बैलगाड़ी से आई बारात, देखने वाले लोगों की जुटी भीड़

By Amit ranjan 
Updated Date

नई दिल्ली : आधुनिक युग में लोग जहां शादी विवाह में लग्जरी गाड़ियों की भरमार को स्टेट्स सिंबल मान रहे हैं। वहीं एक ऐसी बारात देखने को मिली जिसमें दूल्हा पालकी से ससुराल गया और बाराती बैल गाड़ियों से रवाना हुए। रास्ते में जिस जिस चौराहे से यह बारात गुजरी वहां देखने वालों की भीड़ जुट गई। क्योंकि एक तरफ जहां यह लोगों के लिए आश्चर्य का केंद्र बिंदु था, वहीं यह दृश्य हैरान करने वाला भी था।

आपको बता दें कि यह अनोखी बारात उत्तर प्रदेश के देवरिया के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के कुशहरी गांव से मदनपुर थाना क्षेत्र के बरडीहा दल गांव गई। आपको बता दें कि रामपुर कारखाना विकासखंड के कुशहरी गांव निवासी छोटेलाल पाल धनगर पुत्र स्वर्गीय जवाहर लाल की शादी जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बलडीहा दल गांव निवासी रामानंद पाल धनगर की पुत्री सरिता से तय थी। दूल्हा छोटेलाल अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता था। इसके लिए उसने बारात पुराने ढंग से ले जाने की तैयारी की थी। गांव के लोग भी यह जानने को उत्सुक थे कि आखिर छोटेलाल अपनी बारात किस तरीके से ले जाएगा।

बैलगाड़ी से आये बाराती

रविवार को शादी के दिन सुबह लगभग 12 बजे जब पीले रंग के पदों से सजी 12 बैल गाड़ियां छोटे लाल के दरवाजे पर पहुंची तो लोग देखते रह गए। बारात कुशहरी से जब 32 किलोमीटर दूर पकड़ी बाजार के निकट बरडिहा दल गांव रामानंद के दरवाजे पर पहुंची। तो वहां भी देखने वालों की भीड़ जुट गई । महिलाएं और पुरुष दूल्हे से ज्यादा बैलगाड़ी, पालकी और फरवाही नृत्य को देख रहे थे । क्योंकि नई पीढ़ी के लिए यह एक अजूबा था। लोगों ने अपने मोबाइल से दूल्हे और बैलगाड़ी के साथ इस पल को सेल्फी के माध्यम से कैद किया। रास्ते में जगह-जगह लोगों ने दूल्हे और बारातियों का उत्साहवर्धन किया।

फरवाही नृत्य और पालकी देख लगी लोगों की भीड़

परछावन के समय आगे आगे फरुवाही नाच करते हुए लोकनृत्य कलाकार चल रहे थे और पीछे से पालकी पर दूल्हा बना छोटेलाल । नए युवाओं के लिए पालकी और फरवाही नृत्य एक अजूबा की तरह था क्योंकि उन्होंने लग्जरी गाड़ी में ही दूल्हे को देखा था। मगर छोटेलाल की शादी ने लोगों को 80 के दशक की याद दिला दी। जब बैल गाड़ियों से बारात जाती थी और दूल्हा पालकी से ससुराल जाता था। बारात रास्ते में जिस जिस जगह से गुजरी वहां देखने वालों की भीड़ जुट गयी। हर कोई छोटेलाल के फैसले की तारीफ कर रहा था। यह अनोखी बारात जिले में चर्चा का का विषय बनी है।

मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के आर्ट डिपार्टमेंट में काम करता हैं दूल्हा

कुशहरी गांव निवासी स्व जवाहर लाल पाल के बेटे छोटेलाल मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में आर्ट डिपार्टमेंट में काम करते हैं। फिल्मों में भी अक्सर पुराने जमाने के दृश्यों की जीवंत करने के लिए छोटे इस तरह की सजावट करते रहते हैं। अपनी शादी में भी पुराने रीति-रिवाजों को जीवंत करने की प्रेरणा उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से ही मिली। शादी तय होने के बाद छोटेलाल जब अपनी बारात पुराने ढंग से निकालने की बात रिश्तेदारों और परिजनों को बताई। तो पहले तो लोग तैयार नहीं हुए मगर बाद में छोटेलाल की जिद के सामने सभी को झुकना पड़ा। बैलगाड़ी आदि की व्यवस्था करने में परिवार के साथ ही गांव के लोगों ने भी काफी सहयोग किया।

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