Uncle-nephew pair is unable to unite Due to these conditions of Shivpal; शिवपाल की इन शर्तों की वजह से एक नहीं हो पा रहे चाचा-भतीजे की जोड़ी। शिवपाल ने रखी अखिलेश के सामने ये शर्त। क्या चुनाव से पहले एक हो पाएंगे शिवपाल और अखिलेश।
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में तकरीबन कई माह शेष है, उससे पहले ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि शिवपाल चाचा और भतीजे अखिलेश की जोड़ी एक साथ नजर आएंगे। लेकिन अब ये सभी कयास धीमे नजर आ रहे है। माना जा रहा था कि मुलायम के जन्मदिन पर चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच सियासी दूरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन शिवपाल यादव ने सपा से गठबंधन को लेकर ऐसी शर्त और सीटों की डिमांड रख दी है, जिसे अखिलेश यादव के लिए स्वीकार करना आसान नहीं है।
अखिलेश यादव की हर संभव कोशिश
आपको बता दें कि अखिलेश यादव सत्ता में वापसी के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से अखिलेश के सुरों में चाचा शिवपाल को लेकर नरमी आ गई थी। इसे लेकर उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच से कहा भी कि चाचा का पूरा सम्मान होगा, राजनीतिक लड़ाई में चाचा हमारे साथ होंगे। इतना ही नहीं अखिलेश शिवपाल के करीबी और मजबूत नेताओं को भी साथ लेने का आश्वासन दे रहे थे।
शिवपाल ने रखी ये शर्त
वहीं, शिवपाल यादव भी सपा के साथ गठबंधन से आगे बढ़कर विलय तक की बात करने लगे। इसी बीच शिवपाल ने मुलायम के जन्मदिन पर सैफई के दंगल कार्यक्रम में अखिलेश से गठबंधन की शर्त में पहली बार सीटों को लेकर सार्वजनिक रूप से जिक्र किया और 100 सीटों की डिमांड की।
शिवपाल यादव ने कहा कि गठबंधन पर उनकी बात अखिलेश यादव से हुई है और हमने अपनी पार्टी नहीं, बल्कि दूसरी पार्टियों की तरफ से भी 100 सीटें मांगी थीं। इसमें दूसरे दलों और पुराने समाजवादी जमीनी नेताओं को टिकट देना था, लेकिन कोई जवाब अखिलेश यादव की तरफ से नहीं आया।
बात मान लें तो विलय को भी तैयार
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा सिर्फ गठबंधन ही नहीं हम तो विलय तक को तैयार हैं, अगर हमारी बातें मान ली जाएं। वहीं, अखिलेश यादव जो अभी तक चाचा के साथ हाथ मिलाना चाह रहे थे, वो अब शिवपाल को खास तवज्जों नहीं दे रहे हैं। और न ही एक दर्जन से ज्यादा सीटें देने को राजी हैं। यही वजह है कि अखिलेश यादव व शिवपाल सिंह यादव फिलहाल एक मंच पर नहीं आए। और दोनों ने अलग-अलग मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाया।