नई दिल्ली : हिन्दुस्तान के किसी भी धर्म में बिना शादी के एक साथ रहना गलत माना जाता है, क्योंकि ऐसी प्रथा हमारे देश में नहीं है। लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है, जो होती तो अपवाद है, लेकिन यह समाज के लिए एक उदाहरण छोड़ जाती है। कुछ ऐसा ही इस कपल ने किया। जो बिना शादी के एक साथ रहें। बाल-बच्चे हुए, उनकी शादियां हुई। फिर उनके भी बच्चे हुए, तब उन्हें अचानक शादी का ख्याल आया और इन्होंने शादी की।
यह अनोखा मामला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी से प्रकाश में आया है जो कम ही देखने को और सुनने को मिलता है। यहां पर एक ऐसी अनोखी शादी देखने को मिली जिसमें वही लोग घराती और वही लोग बाराती थे। फिर भी शादी हुई और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस शादी में नीचे की तीन पीढ़ियां शामिल हुई हैं। एक व्यक्ति की शादी में उसका बेटा बहू और पोता, पोती सभी शामिल हुए।
जी हां यह अपने आप में अनोखा मामला जामो थाना क्षेत्र के खुटहना गांव में देखने को मिला, जहां पर एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को शादी का बुखार इस कदर चढ़ गया कि उसे अपने ही परिवार के साथ अपनी शादी रचानी पड़ी.
40 साल साथ रहने के बाद की शादी
इस शादी के कार्य में बुजुर्ग ही नहीं बल्कि उसके परिवार ने भी उसकी इच्छा पूरी करने में पूरा साथ दिया। बड़े ही धूमधाम से घर को सजाया गया, लाइटें लगी, औरतें इकट्ठा हुई मंगल गीत गाए गए और अपनी ही 60 वर्षीय पत्नी मोहना के साथ इस 65 बुजुर्ग मोतीलाल ने शादी रचाई। इसके विषय में जब ग्रामीणों से पता किया गया तो पता चला की यह बुजुर्ग दंपत्ति पिछले 40 वर्षों से बगैर शादी के एक दूसरे के साथ रह रहे थे। ऐसे में समय बीतता गया उनके बच्चे हुए और उनके बच्चों के भी बच्चे हो गए फिर समाज और हिंदू रीति रिवाजों का ज्ञान हुआ, जिसके बाद उन्हें लगा कि बगैर शादी के हमारा परलोक नहीं सुधर सकता है।
हमको पिंडदान नहीं मिलेगा तो कहीं ना कहीं सामाजिक एवं धार्मिक बंधनों एवं डर के चलते बुजुर्ग ने अपना परलोक सुधारने के लिए शादी करने का फैसला कर लिया, जिसके बाद बाकायदा हिंदू रीति रिवाज के साथ वैदिक ढंग से कल दिनांक 20 जून 2021 को बुजुर्ग दंपत्ति का वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हुआ बुजुर्ग दंपत्ति की शादी में उसके चार बेटे बहू और नाती पोते सभी शामिल हुए।