{ शिव की रिपोर्ट }
आगरा में मजदूरों की मजबुरी पर राजनीति का सिलसिला बदस्तूर जारी है। एक तरफ कांग्रेस है तो दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी है।
तमाम कोशिशों के बाद भी मजदूरों का सड़कों पर चलता हुआ पलायन और उसकी तस्वीरें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
कांग्रेस ने राजनीति खेलते हुए 1000 बस देने का दावा किया जिसे लेकर यूपी के बॉर्डर पर बस तैनात कर दी गई लेकिन लोकल जिला प्रशासन ने अनुमति ना होने के चलते उन बसों को लेने से इंकार कर दिया।
कल यूपी और राजस्थान बॉर्डर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू को इसी जद्दोजहद के चलते गिरफ्तार किया गया था जिसमें अजय लल्लू को यूपी बॉर्डर से उठाकर आगरा पुलिस लाइन में रखा गया है।
सुबह से ही तमाम कांग्रेसी नेता अजय लल्लू की रिहाई के लिए पुलिस लाइन गेट पर जमे हुए हैं। कोंग्रेस और बीजेपी की राजनीति में अब मजदूर और उनकी बेबसी नजर नहीं आ रही है ना ही उसमें लॉक डाउन का पालन नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार अजय लल्लू प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के नेता को आगरा पुलिस लाइन में रखा गया है जिसके समर्थन में तमाम कांग्रेसी एकत्रित हो रहे हैं।
पुलिस लाइन पर वहां देखने को मिला कि कुछ कांग्रेसी नेता नेता अजय लल्लू से मिलने के लिए अंदर गए थे और उन्हें पुलिस ने अंदर ही बिठा लिया।
कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष समाना खंडेलवाल ने पुलिस के सामने गेट को तोड़ने की कोशिश की है। अंदर पुलिस और बाहर नेताजी की नारेबाजी की तस्वीरों में साफ हो रहा है कि कांग्रेस के लोगो की पुलिस के सामने कुछ भी नहीं चल पा रही है।