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आजमगढ़ में दिलचस्प है मुकाबला, जानिए किन-किन मुद्दों पर बसपा प्रत्याशी डॉ. पीयूष सिंह यादव लड़ेंगे चुनाव

सपा- बसपा में सियासी खेला शुरू हो गया है। उम्मीदवारों का चेहरा बदलने से बन-बिगड़ रहे समीकरण ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। सपा हो या बीजेपी हर कोई अपनी किस्मत आजमा रहा है।  

By RNI Hindi Desk 
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सपा- बसपा में सियासी खेला शुरू हो गया है। उम्मीदवारों का चेहरा बदलने से बन-बिगड़ रहे समीकरण ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। सपा हो या बीजेपी हर कोई अपनी किस्मत आजमा रहा है।  जबकि बसपा ने आजमगढ़ के डॉ पीयूष कुमार यादव को चुनावी मैदान में उतारा है, वर्ष 2017 में सपा पांच, बसपा चार, और भाजपा एक सीट जीत पाई थी। वही निजामाबाद में चुनाव को लेकर कांटे की टक्कर होने के आसार हैं।

बसपा ने इस सीट पर डॉक्टर पीयूष यादव को प्रत्याशी बनाया है,जबकि पीयूष यादव पिछले कई साल से बीजेपी के लिए काम कर रहे थे और जनता के निरंतर लगातार सेवा कर रहे थे। उसी जनसेवा भावना को जारी रखतें हुई बसपा से डॉ पीयूष यादव चुनावी मैदान में मजबूती से पिछले 10 सालों में अपने सामजिक कार्यों और साफ़ छवि के साथ इस बार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं और विपक्षी पार्टी उनकी इस तेवरों से राजनीति दलों की नींद उड़ी हुई है।

हालांकि चुनावी जीत का सेहरा तो 10 मार्च को पता चलेगा, आजमगढ़ की निजामाबाद विधानसभा सीट पर सबसे अधिक चार बार सपा जीत चुकी है,चारों बार आलम बदी ने यह जीत सपा की झोली में डाली है।

बसपा तीन बार जीती है, तीनों बार उसे बाहुबली अंगद यादव ने जीत दिलाई है। यह सीट भी भाजपा के लिए अबूझ पहली बनी हुई है। आजमगढ़ की 10 विधानसभा सीटों पर 2017 चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के दौरान भी बीजेपी केवल एक ही सीट पर विजय प्राप्‍त कर सकी थी। देखना रोचक होगा कि इस बार यहां परिणाम कैसे रहते हैं।

निजामाबाद विधानसभा सीट: पिछले चुनाव में सपा के टिकट पर आलम बदी इस सीट से जीते थे,अखिलेश यादव ने इस बार भी इन्‍हीं पर भरोसा जताया है। बीजेपी ने मनोज यादव, कांग्रेस ने अनिल यादव और बसपा ने पीयूष यादव को टिकट दिया है। मतलब सपा को छोड़कर तीनों ही बड़े दलों ने यादव प्रत्‍याशी उतारा है, देखना होगा कि यादवों के वोट बंटते हैं या नहीं। अगर यादव वोट बंटते हैं तो ऐसे में सपा के आलम बदी को निश्चित ही फायदा होगा, क्‍योंकि इस सीट का समीकरण एकदम परफेक्‍ट MY कॉम्बिनेशन है, जो कि सपा की ताकत माना जाता रहा है..

2017 का परिणाम

समाजवादी पार्टी के आलम बदी को 67274 वोट मिले थे। उन्‍होंने बसपा प्रत्‍याशी चंद्रदेव राम को 18529 वोट से हराया था। चंद्रदेव राम को 48745 वोट मिले थे। 43786 वोट के साथ भाजपा के विनोद कुमार राय तीसरे नंबर पर थे। लगभग 3.15 लाख मतदाताओं वाली निजामाबाद विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 1.10 लाख मुस्‍लिम वोटर हैं. दलित वोटर करीब 78 हजार, यादव वोटर करीब 61 हजार हैं। राजभर 17 हजार, चौहान 14 हजार और ब्राह्मण वोटरों की संख्‍या छह हजार से भी कम है। वही, विधानसभा चुनाव के छठें चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर 3 मार्च को मतदान कराया जाएगा।

 

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