नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रशासन और अस्पताल गतिविधियो के लिए दौरा कर रहे है, जिससे उन्हें ये जानकारी मिले की कोई लापरवाही तो नहीं बरत रहा। वहीं वे समय-समय पर प्रशासनिक अमला को भी निर्देश देते है, जिससे वो भी सजग होकर काम करें। लेकिन उससे उलट कुछ पुलिसकर्मी उन सभी आदेशों को दरकिनार कर पुराने ढर्रे पर काम कर रहे है। जिसे लेकर आज भी एक बेटा मां की मौत के बाद 10 दिनों से थाने, चौकी और अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन कोई भी उसकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है।
आपको बता दें कि पीड़ित की बुजुर्ग मां कोरोना संक्रमित थी, हैलट अस्पताल में बुजुर्ग का उपचार चल रहा था। पीड़ित की मां ने मरने से पहले बेटे को फोन पर जानकारी दी थी कि खाना देने के लिए आने वाली लड़की ने टॉप्स और मोबाइल चोरी कर लिए हैं, उससे ले लेना बेटा। इसके अगले ही दिन बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
पनकी थाना क्षेत्र के रतनपुर कॉलोनी में रहने वाले अजय विश्वकर्मा प्राइवेट जॉब करते हैं। अजय की मां कमलावती (62) कोरोना पॉजिटिव थी। अजय ने बुजुर्ग मां को गंभीर हालत में बीते 7 मई को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान कमलावती ने बीते 24 मई को दम तोड़ दिया था।
अजय ने चोरी की शिकायत स्वरूप नगर थाने, हैलट चौकी और आलाधिकारियों से की लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। मां के अंतिम संस्कार के बाद से लगातार अजय थाना चौकी के चक्कर काट रहा है। जहां अजय को जांच के नाम पर टरका दिया जाता है। अजय ने कई बार हैलट चौकी इंचार्ज मुन्ना सिंह से संपर्क किया। अजय ने बताया कि चौकी इचार्ज ने कहा मामला सरकारी अस्पताल से जुड़ा है। इन हालातों में केस दर्ज नहीं किया जा सकता है, पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस के इस व्यवहार से पीड़ित परिवार परेशान है।
वहीं जब यह मामला पुलिस कमिश्नर असीम अरूण के पास पहुंचा तो, उन्होंने सख्त रवैया अपनाते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।