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देशं में बढ़ा ओमिक्रोन का खतरा, सरकार ने 8वीं तक के स्कूलों को कल से बंद करने का दिया आदेश…

बढते ठंड और कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए आठवीं तक के परिषदीय विद्यालय 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक बंद रहेंगे। गौतमबुद्धनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि शासन ने शीतकालीन अवकाश के लिए आदेश दिए हैं।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट- धीरज मिश्रा

नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़: दिल्ली-एनसीआर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच नोएडा, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गाजियाबाद में 8वीं तक के स्कूल 15 दिन के लिए बंद किए जाने की घोषणा की गई है। इस ऐलान के बाद 31 दिसंबर से अगले साल 14 जनवरी तक 8वीं तक के परिषदीय स्कूल बंद रहेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, बढ़ती शीतलहर और कड़ाके की ठंड के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बाबत विस्तार से एक गाइडलाइन भी जारी की है। इसके तहत स्कूलों को विकल्प के तौर पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करानी होगी। अगर स्कूल में किसी को भी जुकाम, बुखार के लक्षण दिखते हैं। तो उसे तुरंत घर पहुंचाने की व्यवस्था स्कूल को करनी होगी।
परिषदीय विद्यालय 14 जनवरी तक बंद
वहीं, ठंड को देखते हुए आठवीं तक के परिषदीय विद्यालय 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक बंद रहेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि शासन ने शीतकालीन अवकाश के लिए आदेश दिए हैं। इसके तहत सभी सरकारी विद्यालयों को शुक्रवार से विद्यालय बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। निजी स्कूलों के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं है। गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग के टाइम एंड मोशन स्टडी के आदेश के तहत पहली बार शीतकालीन अवकाश दिया जा रहा है। इससे पहले जिलाधिकारी के आदेशों के तहत विभिन्न जिलों में स्कूलों में छुट्टी की जाती रही हैं।
सभी स्कूलों में आफलाइन कक्षाएं बंद करने की मांग
दिल्ली एनसीआर में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए आल नोएडा स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से 12वीं तक के सभी स्कूलों में आफलाइन कक्षाएं बंद करने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना ने कहा कि दिल्ली की तरह नोएडा में भी प्रशासन यह कदम उठाए। टीकाकरण न होने से बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है। कहा जा रहा है कि कि ओमिक्रोन और कोरोना की तीसरी लहर के चलते भी यह फैसला लिया गया है। वहीं, निजी के साथ सरकारी शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है।

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