{ रिपोर्ट:- योगेश आर्य }
इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा कि ईदुल फितर की नमाज भी जुमा की नमाज की तरह ही शासन प्रशासन के निर्देशानुसार मस्जिद या घरों में अदा की जाए।
फतवे में साफ किया गया है कि जो लोग मजबूरी की वजह से नमाज अदा नहीं कर पाएंगे उनके लिए नमाज ए ईद माफ होगी।
मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी के लिखित सवाल के जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि ईद की नमाज वाजिब है और इसके लिए वहीं शर्त हैं जो जुमा की नमाज के लिए हैं।
अगर ईदुल फितर तक लाॅकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज्यादा नमाज की इजाजत नहीं होती है तो लाॅकडाउन में पढ़ी जा रही जुमा की नमाजों की तरह ही ईद की नमाज भी अदा की जाएगी।
और जिन लोगों के लिए ईद की नमाज की कोई सूरत न बन सके उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है, मजबूरी की वजह से उनसे नमाज़ ए ईद माफ होगी।
अलबत्ता ऐसे लोग जो नमाज ए ईद न पढ़ पाए वह अपने अपने घरों में दो या चार रकाअत चाश्त की नमाज पढलें तो बहतर है।