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मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के लिये 77 टैृक्टरों को किया गया रवाना

मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के लिये 77 टैªक्टरों को 5-कालीदास मार्ग, लखनऊ से हरी झंडी दिखाकार प्रदेश के किसानों की सेवार्थ किया गया रवाना

By RNI Hindi Desk 
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लखनऊः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजकीय आवास, 5-कालीदास मार्ग, लखनऊ से चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अन्तर्गत प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 टैªक्टरों को प्रदेश के गन्ना किसानों कोे हरी झंडी दिखाकार रवाना किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश से आये हुये गन्ना किसानों, विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गन्ना एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है। प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में लगभग 64 लाख गन्ना किसान, पंजीकृत हैं, जिनमें से 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान है एवं गन्ना फसल इन किसानों के लगभग 3 करोड़ परिवारीजनांे की जीविका का आधार है। प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में गन्ने की खेती, गन्ना किसानों और चीनी मिलों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होनंे यह भी बताया कि फार्म मशीनरी बैंकों में सम्मिलित होने के बाद जहां एक ओर यह ट्रैक्टर फार्म मशीनरी बैंकों में उपलब्ध अन्य कृषि यंत्रों के सदुपयोग हेतु सारथी बनेंगे वहीं दूसरी ओर किसानों की उत्पादन लागत कम होने से उनकी आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसान पारम्परिक खेती में तो पारंगत हैं ही, यदि इनके खेतों तक यंत्रीकरण की पहुँच भी सुनिश्चित करा दी जाए, तो हमारे किसान यंत्रीकरण पर आधारित आधुनिक खेती में भी पारंगत होकर अपना चहुॅमुखी विकास करते हुए प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में भी अपना योगदान सुनिश्चित कर पायेंगें तथा इसके प्रयोग से किसानों को न केवल गन्ने की खेती में सहूलियत होगी वरन् यंत्रीकरण से गन्ने की लागत में कमी होगी और श्रम व समय भी कम लगेगा एवं प्रत्यक्ष रूप से किसानों की सकल आय में बढ़ोत्तरी भी होगी। गन्ना किसान फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए गन्ने की पत्ती जलायंेगें नहीं बल्कि मल्चर एवं एम.बी. प्लाउ के प्रयोग से गन्ने की पत्ती एवं उनकी ठूठी को खेत में ही काटकर मिला देंगे एवं अपनी जमीन को उर्वर बनायेंगे और इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है।


गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश के बहुत से गन्ना किसानों के पास गन्ने की खेती के लिये अभी भी उपयोगी कृषि यंत्र जैसे-टेªंच, प्लांटर, एम.बी.प्लाऊ, रैटून मैनेजमेन्ट डिवाइस, ऑटोमेटिक शुगर केन प्लांटर आदि बड़े हार्स पावर के टैªक्टरों की उपलब्धता न होने के कारण उन्हें गन्ने की खेती में उपयोग करने हेतु असुविधा होती है। प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में 77 टैªक्टरों को सम्मिलित किये जाने से किसान अपनी समितियों से मामूली किराये दर पर प्राप्त कर अपने कृषि कार्यो को ससमय सुनिश्चित कर सकेंगे। इससे समितियों में उपलब्ध टैªक्टरों से किसानों की दिशा और दशा भी अवश्य बदलेगी। गन्ने की खेती में बहुआयामी परिवर्तन होंगे तथा गन्ने की खेती में यंत्रीकरण को बढ़ावा भी मिलेगा।


प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया है कि वर्तमान में प्रदेश की 158 गन्ना एवं 28 सहकारी चीनी मिल समितियों में पंजीकृत सदस्यों में से लगभग 46 लाख कृषक सदस्य गन्ने की खेती करते हैं, जिनमें से काफी कृषक ऐसे हैं जिनके पास विशिष्ट कृषि उपकरणों का अभाव है और विशिष्ट कृषि यंत्रों की कीमत अधिक होने एवं छोटे किसानों की क्रय शक्ति से बाहर होने के कारण गन्ने की खेती में उपयोगी इन बड़े कृषि यंत्रों को खरीद पाना उनके लिये सम्भव नहीं हो पाता है। इस समस्या के दृष्टिगत गन्ना खेती में यंत्रीकरण को बढ़ावा देकर गन्ने की उत्पादन लागत कम करने एवं गन्ना कृषकों की आमदनी दोगुना करने हेतु प्रदेश की 146 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के स्तर पर फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना की गयी है। फार्म मशीनरी बैंकों में यंत्रों की उपलब्धता के बावजूद उनके सदुपयोग हेतु कोई साधन उपलब्ध न होने एवं अधिकांश लघु एवं सीमांत किसानों के पास बड़े हार्स पॉवर के टैªैक्टरों की उपलब्धता न होने के कारण किसानों को यंत्रीकरण का समुचित लाभ मिलने में कठिनाई हो रही थी। इस समस्या के दृष्टिगत ही प्रदेश की 77 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में टैªक्टरों को शामिल किया गया है। गन्ना विभाग के माध्यम से गन्ना समितियों को समृद्ध और किसानों के हितार्थ उपयोगी बनाते हुए अनेकानेक महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं, जिसके अन्तर्गत समितियों में लागू फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

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