रिपोर्ट: सत्यम दुबे
रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। आजम खान की मुश्किल एक बार फिर बढ़ सकती है। इस बार जौहर यूनिवर्सिटी से जुडे मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ED ने रामपुर के जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखकर इस पूरे मामले से जुड़ी 5 जानकारियां भी मांगी हैं। ED की ये कार्रवाई रामपुर के बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय ने जिलाधिकारी से मांगी ये 5 जानकारी
1 जौहर यूनिवर्सिटी पर एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल किसका है?
2 अभी तक मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी मामले में क्या कार्रवाई हुई है और कोई मामला अदालत में विचाराधीन तो नहीं है?
3 जमीन अधिग्रहण करने के वो सभी रिकॉर्ड मांगे हैं जिसमें गलत तरीके से सरकारी और दूसरी जमीनें जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम पर अधिग्रहित की गई हैं।
4 यूनिवर्सिटी के खिलाफ स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के सभी आदेश की कॉपी मांगी है।
5 इसके अलावा भी अगर कोई जानकारी जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में है तो वो सभी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय ने मांगी हैं।
आपको बता दें कि इसके ED ने एक अधिकारी को नोडल बनाकर उनका एक फोन नंबर भी जारी किया है, ताकि अगर किसी के पास कोई और जानकारी हो तो वो सीधे शेयर कर सके।
आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक है जौहर यूनिवर्सिटी। साल 2006 में समाजवादी सरकार के दौरान इसका शिलान्यास हुआ था। इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव खुद कई मंत्रियों के साथ रामपुर आए थे। इसके बाद साल 2012 में इसका उद्घाटन अखिलेश यादव की सरकार में हुआ। लेकिन यह यूनिवर्सिटी अपनी जमीनों को लेकर विवादों में आ गई। इस पर किसानों की जमीन कब्जाने का आरोप भी लगा। इसके साथ ही ये भी आरोप है कि इस यूनिवर्सिटी के नाम पर जितनी जमीनें अधिग्रहित की गईं, उनमें से ज्यादा सरकारी जमीनें थीं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में आधे से ज्यादा सरकारी पैसे का इस्तेमाल हुआ है।