रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: कोरोना महामारी के दूसरे लहर में योगी सरकार ने अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने का एलान किया है। अब इसके तहत सूबे में क्रियान्वन की प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है। मुख्यमंत्री बाल सेवा आयोग के तहत सूबे में 3,590 बच्चों को चिन्हित किया गया है। इन बच्चों में लगभग 500 बच्चे, ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना महामारी से खो दिया है। वहीं, बाकी वो बच्चे हैं, जिन्होंने माता-पिता दोनों में से किसी एका को खोया है।
आपको बता दें कि इन सभी बच्चों का ब्योरा इकठ्ठा कर स्वराज पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसके साथ ही बाल संरक्षण आयोग जल्द ही बचपन को संवारने की बड़ी तैयारी की है। इसके तहत अब चौराहों को गोद लेने के लिए समाज के विशिष्ट लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बाल सेवा आयोग की तरफ से पार्षद, सरकारी व गैर- सरकारी एनजीओ और राजनैतिक प्रतिनिधियों को इसकी जिम्मेंदारी सौंपी जाएगी। चौराहों को गोद लेने की प्रक्रिया के तहत प्रदेश के बेसहारा बच्चों, बाल श्रमिकों व भिक्षावृत्ति कर रहे सभी बच्चों का सर्वे किया जाएगा और इन बच्चों के भरण पोषण, आश्रय के संग इनको शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके साथ ही इन सभी बच्चों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास के साथ ही 18 साल से अधिक के इन चिन्हित बाल श्रमिकों को भी मनरेगा और कौशल विकास की योजना से जोड़ इनके भविष्य को संवारा जाएगा।
बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता की मानें तो अधिकारी, एनजीओ और राजनैतिक दलों के लोगों द्वारा इस योजना के तहत अनाथ बच्चों की पहचान को उजागर करने पर नोटिस भेजी गई है। आयोग ने सीधे तौर पर ऐसे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं। इन लोगों पर JJ एक्ट की धारा 74 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि अधिकारी, एनजीओ और राजनैतिक दलों के लोगों के सोशल मीडिया हैंडल से इस योजना के तहत पात्र बच्चों की पहचान को उजागर किया जा रहा है, जिसको लेकर बाल आयोग ने सख्त रवैया अपनाया है। इन बच्चों के पहचान को उजागर करना जेजे एक्ट की धारा 74 का सीधे तौर पर उल्लंघन है।
सूबे में इस योजना के तहत पात्र बच्चों को लाभ मिल सके इसके लिए प्रदेश में बाल संरक्षण आयोग मॉनिटरिंग भी कर रहा है। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि जमीनी स्तर पर बच्चों की पात्रता का परिक्षण के साथ दूसरे माध्यमों से प्राप्त डाटा की मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही इस योजना का लाभ लेने वाले पात्र बच्चों के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र व अन्य जरूरी दस्तावेजों को बनवाने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए जनपदों के DM, DCPU और टॉस्क फोर्स मिशन पर हैं। इसके साथ ही बाल आयोग इस योजना की पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।