बसपा सुप्रीमो मायावती ने पांचवें चरण के लिए सर्वाधिक ब्राह्मणों को मैदान में उतार कर बड़ा दांव खेला है। यही वह चरण है, जिसमें राम जन्मभूमि क्षेत्र अयोध्या से लेकर अवध तक चुनाव होना है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पांचवें चरण के लिए सर्वाधिक ब्राह्मणों को मैदान में उतार कर बड़ा दांव खेला है। यही वह चरण है, जिसमें राम जन्मभूमि क्षेत्र अयोध्या से लेकर अवध तक चुनाव होना है। राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने चुनावी माहौल बनाने के लिए सर्वाधिक बैठकें भी इन्हीं क्षेत्र में की हैं। उनकी रिपोर्ट और क्षेत्रीय संतुलन के आधार पर ही सर्वाधिक ब्राह्मणों को टिकट देने का कारण माना जा रहा है।
बसपा सोमवार से पहले चार चरणों की 232 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी थी। इन चारों चरणों में केवल 27 ब्राह्मणों को टिकट दिया गया था, लेकिन पांचवें चरण की 61 सीटों के लिए जारी सूची में ही एक साथ 22 ब्राह्मणों को टिकट दिया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके पीछे बड़ी रणनीति है। इससे अब यह भी अंदाजा लगाया जाने लगा है कि शेष बचे दो चरणों की जो सूची जारी होने वाली है, उसमें ब्राह्मणों की हिस्सेदारी और बढ़ेगी। छठा और सातवां चरण पूर्वांचल का है।
बसपा ने पूर्व में कासगंज, पीलीभीत, निघासन और कस्ता के घोषित प्रत्याशियों में बदलाव किया है। कासगंज में पूर्व घोषित प्रभू दयाल सिंह राजपूत के स्थान पर मो. आरिफ, पीलीभीत से मुस्ताक अहमद के स्थान पर शाने अली, निघासन में मनमोहन मौर्य के स्थान पर आरए उस्मानी तथा कस्ता से सरिता वर्मा के स्थान पर हेमवती राज को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
चुनाव कार्यक्रम
नामांकन – एक से आठ फरवरी तक दिन में 11 से तीन बजे के बीच
नामांकन पत्रों की जांच – नौ फरवरी दिन में 11 बजे से
नाम वापसी की आखिरी तारीख – 11 फरवरी दिन में तीन बजे तक
चुनाव चिह्न का आवंटन – 11 फरवरी को दिन में तीन बजे
मतदान – 27 फरवरी
मतगणना – 10 मार्च