फर्रुखाबाद : प्रदेश की योगी सरकार के आदेश के बाद हाल ही में उत्तर प्रदेश के कई माफियाओं और अपराधियों की अवैध संपत्ति पर शासन का बुलडोजर चला है। सरकार के इस आदेश के लक्ष्य को पूरा करने को पुलिस की ओर से 14 लोगों को माफिया मानकर उनके खिलाफ संपत्ति कुर्की की रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है।
हालांकि इनमें से अधिकांश छोटे अपराधी हैं। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सभी की चिह्नित लगभग 90 लाख की संपत्ति की कुर्की के लिए संबंधित तहसीलदारों को आदेश जारी कर दिए हैं। अपराधिक माफिया के अलावा, शराब माफिया, भू-माफिया, खनन-माफिया, सट्टा-माफिया और यहां तक कि शिक्षा माफिया तक को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
हत्या और रंगदारी वसूली के आरोपित कई टॉप-टेन अपराधियों के आलीशान भवन शहर में मौजूद हैं। जनपद में कई भू-माफिया और खनन माफिया सक्रिय हैं। पुलिस की इनके खिलाफ संवेदनशीलता का आलम यह है कि विगत दिनों शिकायत किए जाने से नाराज खनन माफिया के गुर्गों ने संबंधित युवक को मारपीट कर अपहरण कर लिया था।
युवक के चीखने पर यूपी-112 के वाहन ने पीछा किया तो उसे फेंक कर भाग गए। पीडि़त थाने से तहसील दिवस तक में शिकायत कर चुका है, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। कई सफेदपोश भू-माफिया के दबदबे का आलम यह है कि उनके खिलाफ पीडि़त शिकायत करने तक की हिम्मत नहीं जुटाते।
अब इनके पर कार्रवाई को पुलिस शिकायत के इंतजार में है। जबकि पुलिस के पास एलआइयू रिपोर्ट के आधार पर भी कार्रवाई का अधिकार है। हालांकि जिलाधिकारी ने जरूर अपने स्तर पर भू-अभिलेखों के आधार पर एक पूर्व विधायक व एक बड़े व्यवसायी को भू-माफिया घोषित किया है।
एसपी की ओर से डीएम को 14 माफिया की सूची और उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित लगभग 90 लाख रुपये की संपत्ति का ब्यौरा भेजा गया था। डीएम ने इन मामलों में सुनवाई के बाद संपत्ति कुर्क किए जाने के आदेश कर दिए हैं।
संबंधित तहसीलदार को चिह्नित संपत्ति कुर्क कर अवगत कराने के आदेश दिए गए हैं। हास्यास्प्रद स्थिति यह है कि इनमें से छह के पास कुर्की योग्य संपत्ति के नाम पर मात्र एक बाइक है। शेष के पास छोटा-मोटा घर, दुकान या खेतिहर जमीन है।