{ सचिन की रिपोर्ट }
लॉकडाउन में गरीबो के खाने पीने का राशन उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी जिस कंपनी को दी गयी थी दरअसल वो कंपनी घोटालेबाज़ निकली है।
दरअसल लखनऊ के जिला प्रशासन ने बीते दिनों जिस कपनी को 5000 राशन किट का ज़िम्मा सौपा था उसमे मिला अनाज घटिया निकला।
2 दिन लखनऊ में 5000 राशन किटों की सप्लाई हुई लेकिन उसमे निकलने वाला राशन पूरी तरह से घटिया निकला।
अधिकारी के मुताबिक़ अनाज की गुणवत्ता को जांचा गया तो उसमे निकला पूरा राशन एक एक कर बेकार निकला।
मुरादाबाद की कंपनी मेसर्स शान्तिभोग प्रोडक्ट के खिलाफ घोटाले की आशंका को देखते हुए पहले तो उसका ठेका रोका गया।
उसके बाद एडीएम प्रशासन के आदेश पर डीएम कार्यालय में तैनात आपदा लिपिक कुलदीप जयसवाल के तरफ से घोटालेबाज़ कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराई गयी।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 188,420 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 51 के तहत कैसरबाग़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।