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द्रौपदी मुर्मू ने किया राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया दाखिल, मायावती ने दिया समर्थन, पढ़ें

 बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। मायावती ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा- हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है।

By RNI Hindi Desk 
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भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन के दौरान उनके साथ पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। द्रौपदी मुर्मू की ओर से 4 सेटों में नामांकन दाखिल किया गया।

पहले सेट में पीएम नरेंद्र मोदी खुद प्रस्तावक बने। इसके अलावा अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत भाजपा संसदीय दल के सदस्यों ने उनके नाम का अनुमोदन किया। नामांकन की प्रक्रिया के दौरान जेपी नड्डा, अमित शाह और केंद्र सरकार के कई मंत्री भी मौजूद थे।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। मायावती ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा- हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है।

 

मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा कि बीएसपी एनडीए या यूपीए की पिछलग्गू पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा- बीएसपी स्वतंत्र और निडर रहकर काम करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा- अगर कोई पार्टी देश के पिछले और उपेक्षित वर्ग के लिए काम करता है तो बीएसपी उसके साथ खड़ी रहेगी। फिर चाहे वो फैसला हमारे खिलाफ कितना भी नुकसानदेह क्यों ना साबित हो।

मायावती ने कहा- बसपा का उद्देश्य बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम करना है। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेस में खास तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बसपा को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते, हमारे विधायकों को तोड़ने का काम किया जाता है। मायावती ने कहा यूपी में बीएसपी के नेतृत्व में चार बार की सरकार ने हमेशा दलितों, शोषितों और वंचितों के हित में काम किया है।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में हमें ये देखने को मिला कि विपक्षी दलों ने अपनी मनमानी की और बीएसपी को विपक्ष ने अलग-थलग रखाष। उन्होंने कहा पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा एकतरफा चुनिंदा लोगों को बुलाना, फिर शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में बीएसपी को नजरअंदाज करना, इनकी एकता दिखावा ही लगती है।

 

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