रिपोर्ट- मनीष शर्मा
वैसे तो होमगार्ड्स भी पुलिस महकमे का एक हिस्सा है और इस लॉक डाउन के चलते उनकी ड्यूटी कोरोना संबंधित मामलों में नहीं लगाई गई है जिससे होमगार्ड के जवान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं।
ऐसे में होम गार्डों ने बहराइच के जिलाधिकारी शंभू कुमार को कोरोना में ड्यूटी लगाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें जिलाधिकारी द्वारा 300 होमगार्डों को यथासंभव तैनाती कर ड्यूटी लगाने के बात की गई थी।
इस बात की स्वीकृति स्वयं जिलाधिकारी ने भी की थी लेकिन होम गार्डों के कमांडेंट की हठधर्मिता के चलते प्रशासन ने पांच होम गार्डों को बर्खास्त कर दिया।
जिसकी खबर सुनकर इन होम गार्डों में से एक होमगार्ड को हार अटैक आ गया और उसकी हालत बिगड़ गई जिसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है .
अब सोचने वाली बात यह है लॉक डाउन की स्थिति में जबकि सरकार द्वारा हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ ना कुछ सहायता की जा रही है लेकिन कड़ी मेहनत करने वाले यह होमगार्ड सरकार की कृपा से वंचित रह जाते हैं .
अगर कहीं से कोई अधिकारी कृपा दृष्टि दिखा भी देता है तो अपने ही विभाग के अधिकारी इन होम गार्डों के अधिकारों का हनन करते हुए इनको दरकिनार कर देते हैं।