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अयोध्या: छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज , पढ़े पुरा मामला

By RNI Hindi Desk 
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अयोध्या: छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज , पढ़े पुरा मामला

अयोध्या के साकेत महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित करने की मांग को लेकर बीते 14 -15 दिसंबर को 2 दिनों तक छात्र अनशन पर बैठे थे। कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफेसर नर्वदेश्वर पांडे की शिकायत के बाद पुलिस ने छह छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था। प्रिंसिपल ने आरोप लगाया था कि इन छात्रों ने आजादी के नारे लगाए थे।

जांच के बाद देशद्रोह के धारा को पुलिस ने हटा लिया है। इस मामले में क्षेत्राधिकारी आरके राय ने बताया कि छात्रों के खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाई गई थी लेकिन जांच में कोई साक्ष्य नहीं मिले जिसके बाद धारा हटा दी गई है। क्षेत्राधिकारी ने कहा कि छात्रों के खिलाफ लगी अन्य धाराओं की जांच की जा रही है।

दरअसल साकेत महाविद्यालय के छात्र बीते 14 -15 दिसंबर को प्रांगण में ही धरने पर बैठे थे। जब महाविद्यालय प्रशासन और प्राचार्य ने इनकी बातों पर गौर नहीं किया तो ऐसा आरोप है कि 16 दिसंबर को धरने पर बैठे छात्रों ने हमें चाहिए आजादी के नारे लगाए थे। इस पर महाविद्यालय प्रशासन ने घोर ऐतराज जताया था।

जब महाविद्यालय प्रशासन से इस विषय पर पूछताछ की गयी तब साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य कहा कि इनकी मांग अभी पूरी नहीं की जा सकती। प्राचार्य ने लिंगदोह समिति के निर्देश का हवाला देते हुए छात्रों की मांग को अवैध करार दिया।

प्राचार्य ने कहा कि अभी बहुत सारे एडमिशन की प्रक्रिया लंबित हैं जिन्हें पूरा करने के बाद ही चुनाव के विषय में सोचा जा सकता है। छात्र महाविद्यालय प्रशासन पर अनर्गल दबाव बना रहे हैं।

छात्र संघ चुनाव को लेकर महाविद्यालय प्रशासन ने जिलाधिकारी को एक पत्र भी जारी किया है जिसमें छात्रों के दबाव के कारण महाविद्यालय परिसर में पठन-पाठन से लेकर अन्य कार्यों में भारी असुविधा का हवाला भी दिया है। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि छात्र नेताओं के द्वारा चुनाव की तिथि की घोषणा को लेकर दबाव बनाया जा रहा है जिस परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है।

उस पत्र में लिखा है कि अभी प्रवेश प्रक्रिया चालू है और लिंगदोह की सिफारिशों के अनुकूल चुनाव कराना है, ऐसे में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही चुनाव की तिथि की घोषणा की जा सकती है। प्राचार्य ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में भी नहीं है। चुनाव की तिथि की घोषणा जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार ही की जाएगी।

दो दिनों तक हुए धरना प्रदर्शन और नारेबाजी के दौरान मौजूद छात्र नेताओं ने महाविद्यालय के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर ताला लगा दिया था। उस दौरान सूचना पर पहुंची पुलिस से भी छात्र नेताओं की झड़प हुई थी। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने महाविद्यालय गेट का ताला खुलवाया था।

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