धार्मिक नगरी देवबंद में कोरोना वायरस की आहट के बाद दारुल उलूम प्रबंधतंत्र द्वारा बीते अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में होने वाली संस्था की वार्षिक परीक्षआों को स्थगित कर अवकाश घोषित कर दिया गया था।
जिसके बाद संस्था के अधिक्तर छात्र अपने घरों को लौट गए थे। देश की सबसे बडी इस्लामिक शिक्षण संस्था में वार्षिक परीक्षाएं समपन्न कराने के लिए कोरोना का प्रकोप समाप्त होने की प्रतीक्षा की जा रही थी।
लेकिन देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है जिसके चलते मंगलवार को दारुल उलूम में हुई मजलिस ए तालीम (शिक्षा विभाग की बैठक) में संस्था की वार्षिक परीक्षाएं निरस्त कर देने का अहम फैसला लिया गया है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि समस्त कक्षाओं में अर्धवार्षिक परीक्षाओं के आधार पर ही छात्र प्रोन्नत होकर अगली कक्षाओं में प्रवेश करेंगे।
इसके अलावा संस्था के नवीन शिक्षण सत्र के लिए मई माह की अंतिम तिथियों में होने वाली प्रवेश परीक्षाओं को भी निरस्त कर दिया गया है।
जिसका मतलब यह है कि इस वर्ष दारुल उलूम देवबदं में किसी भी नए छात्र का दाखिला नहीं होगा।
शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना खुर्शीद ग्यावी ने मजलिस ए तालीमी द्वारा लिए गए उक्त फैसले की पुष्टि की है। हालांकि अभी संस्था द्वारा इस सम्बंध में लिखित आदेश जारी नहीं किए गए हैं।